भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका (U.S.) के बीच द्विपक्षीय व्यापार (trade) को लेकर चल रही लंबी बातचीत में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते (trade deal) पर चर्चा लंबे समय से जारी थी और अब बताया जा रहा है कि भारत कुछ प्रमुख क्षेत्रों जैसे डिफेंस (defence), एविएशन (aviation) और एनर्जी (energy) में खरीद और सहयोग बढ़ाने के लिए सहमत है, जबकि कृषि (agriculture) क्षेत्र को इस डील से बाहर रखा गया है। 3
पृष्ठभूमि: क्यों बढ़ी बातचीत?
- पीयूष गोयल का बयान: 11 दिसंबर को, गोयल ने ग्रीर से बातचीत के बाद कहा कि “फेयर” डील पर “गुड न्यूज” जल्द आएगी। उन्होंने किसानों, मछुआरों और MSMEs की सुरक्षा पर जोर दिया।
- ट्रंप का दबाव: अमेरिका ने अप्रैल 2025 में भारतीय उत्पादों पर 26% टैरिफ लगाया (बाद में 90 दिनों के लिए सस्पेंड), लेकिन कृषि में 200+ छूट दी। ट्रंप ने भारत को “टैरिफ किंग” कहा, लेकिन ऊर्जा और रक्षा में सहयोग चाहा।
- भारत का रुख: रूस से तेल आयात पर पेनल्टी हटाने और बाजार पहुंच सीमित रखने पर फोकस। GTRI (ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव) ने सलाह दी कि GM प्रोडक्ट्स पर सतर्क रहें।
वार्ता जारी है, और PM मोदी-ट्रंप की फोन कॉल (11 दिसंबर) में “गर्मजोशी” से संकेत मिले कि मोमेंटम बरकरार है। अगर पहली किस्त फाइनल हुई, तो 2026 में व्यापक BTA की राह खुलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह डील भारत को “ग्लोबल साउथ” की आवाज बनाए रखते हुए अमेरिका से बैलेंस्ड पार्टनरशिप देगी।अगर आपके पास कोई स्पेसिफिक एंगल (जैसे स्टॉक इंपैक्ट या कृषि प्रभाव) पर और डिटेल्स चाहिए
