Chandrayaan-3: सभी छात्र-छात्राओं एवं जनमानस तक इस अभूतपूर्व कार्य को पहुंचाने के लिए इसरो ने वेबसाइट, यू-ट्यूब चैनल और डीडी नेशनल पर लाइव प्रसारण की घोषणा की है। समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक की ओर से सभी सीईओ को निर्देश जारी किया गया कि इसके लिए स्कूलों में लाइव प्रसारण की व्यवस्था कर ली जाए।
देश के सबसे महत्वाकांक्षी मून मिशन के सपनों को साकार करने से चंद्रयान-3 चांद से बस कुछ ही दूरी पर है। यान का विक्रम लैंडर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम बुधवार को को शाम 6.04 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो 23 अगस्त को इतिहास बनाने की तैयारी में है.
चंद्रयान-3 चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतरने वाला है, जहां इससे पहले दुनिया के किसी भी देश को उपग्रह उतारने में सफलता नहीं मिली है.
14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाला चंद्रयान-3 अपनी 40 दिनों की लंबी यात्रा के बाद 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास 70 डिग्री अक्षांश के पास उतरने की कोशिश करेगा.
चंद्रयान-2 की लैंडिंग के दौरान हुई तकनीकी विफलताओं को ध्यान में रखते हुए इसरो ने जानकारी दी है कि चंद्रयान-3 को और अधिक कुशल बनाया गया है.
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने मीडिया को जानकारी दी है कि चंद्रयान-2 के लैंडर मॉड्यूल को सफलता हासिल करने के विश्लेषण के साथ डिजाइन किया गया था, लेकिन नाकामी के बाद के विश्लेषण के साथ चंद्रयान-3 को डिजाइन किया गया.