नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइंस का परिचालन संकट का आज नौवां दिन है, लेकिन अभी तक कहीं से भी राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। मंगलवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने संसद में दावा किया था कि हालात सुधर रहे हैं और प्रभावित यात्रियों को रिफंड मिल रहे हैं, मगर आज बुधवार को भी फिर से 300 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। कल यानी 9 दिसंबर को भी 400 से अधिक फ्लाइट्स कैंसल हुई थीं, जिससे यात्रियों में इस बात को लेकर काफी गुस्सा भी देखने को मिल रहा है।
ये हाहाकार नये फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के दूसरे चरण के लागू होने से शुरू हुआ, जो 1 नवंबर 2025 से प्रभावी हो चुके हैं। इन नियमों के तहत पायलटों को ज्यादा आराम का समय मिलना है, लेकिन इंडिगो को क्रू शॉर्टेज और रोटेशन की समस्या हो गई। इसी का नतीजा ये रहा कि 2 दिसंबर से अब तक 4,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, सैकड़ों घंटे लेट हुई हैं, और हजारों यात्री एयरपोर्ट्स पर फंसे रहे। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा।
DGCA और एविएशन मंत्रालय की सख्त निगरानी में एयरलाइन अभी भी जद्दोजहद कर रही है। सरकार ने स्थिति सामान्य होने तक 10 फीसदी तक फ्लाइट कटौती का आदेश दे दिया है, खासकर उन रूट्स पर जहां दूसरी एयरलाइंस भी उड़ानें भरती हैं। इससे अगले कुछ महीनों तक बुकिंग करने वाले यात्रियों को परेशानी हो सकती है। मंत्री नायडू ने संसद में कहा, “हालात सुधर रहे हैं। जो जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। संकट से प्रभावित लोगों को रिफंड दिया जा रहा है।” लेकिन जमीन पर हालात कुछ और ही बयान कर रहे हैं।
इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को मंत्रालय ने तलब किया था। उन्होंने 6 दिसंबर तक प्रभावित उड़ानों के 100 फीसदी रिफंड पूरे करने की पुष्टि की। अब तक 827 करोड़ रुपये रिफंड हो चुके हैं, और 9,000 में से 4,500 बैग यात्रियों को लौटा दिए गए हैं। एयरलाइन ने कहा है कि 10-15 दिसंबर तक नेटवर्क स्थिर हो जाएगा। एक DGCA अधिकारी ने बताया, “इंडिगो ने माफी मांगी है और गहरा अफसोस जताया है। लेकिन हमने शो-कॉज नोटिस जारी किया है, जवाब की समय सीमा बढ़ाई गई है।”
यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी हो चुकी है। मंत्रालय ने सलाह दी है कि हवाई अड्डे पहुंचने से पहले ही उड़ान का स्टेटस चेक कर लें, क्योंकि आखिरी वक्त पर बदलाव हो सकते हैं। इंडिगो ने 5 से 15 दिसंबर तक की बुकिंग पर कैंसलेशन और री-शेड्यूल पर कोई चार्ज नहीं लगाने का ऐलान किया है। साथ ही, सरकार ने घरेलू उड़ानों पर किराया कैप लगाया है – छोटी दूरी पर 7,500 से 18,000 रुपये तक – ताकि टिकट महंगे न हों।
इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को मंत्रालय ने तलब किया था। उन्होंने 6 दिसंबर तक प्रभावित उड़ानों के 100 फीसदी रिफंड पूरे करने की पुष्टि की। अब तक 827 करोड़ रुपये रिफंड हो चुके हैं, और 9,000 में से 4,500 बैग यात्रियों को लौटा दिए गए हैं। एयरलाइन ने कहा है कि 10-15 दिसंबर तक नेटवर्क स्थिर हो जाएगा। एक DGCA अधिकारी ने बताया, “इंडिगो ने माफी मांगी है और गहरा अफसोस जताया है। लेकिन हमने शो-कॉज नोटिस जारी किया है, जवाब की समय सीमा बढ़ाई गई है।”
सोशल मीडिया पर यात्री फंसे होने की शिकायतें पोस्ट कर रहे हैं। कई जगहों पर केंद्रीय रेलवे ने 89 स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं ताकि फ्लाइट कैंसलेशन से प्रभावित लोग वैकल्पिक सफर कर सकें। DGCA ने चार सदस्यीय कमेटी गठित की है जो 15 दिनों में रिपोर्ट देगी। अगर ये संकट लंबा खिंचा तो 2026 के पीक सीजन पर असर पड़ सकता है, और दूसरे एयरलाइंस को फायदा मिलेगा। फिलहाल, यात्रियों को सलाह है – प्लान बी रखें, और अपडेट चेक करते रहें।
