देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस में से एक, इंडिगो एयरलाइंस, हाल ही में अपने यात्रियों और कर्मचारियों दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती का सामना कर रही थी। डीजीसीए (DGCA) द्वारा लागू किए गए नए क्रू आराम नियमों और साप्ताहिक अवकाश नीति के कारण इंडिगो की कई उड़ानें रद्द और विलंबित हुईं, जिससे देशभर के हवाई अड्डों पर हड़कंप मच गया। दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर यात्रियों की लंबी कतारें देखने को मिलीं।
DGCA ने नोटिस जारी करते हुए इसकी जानकारी दी है। DGCA का कहना है, “कई फ्लाइट्स के परिचालन में लगातार आ रही बाधा और एयरलाइंस से मिले आवेदन को ध्यान में रखते हुए ‘साप्ताहिक अवकाश’ के फैसले को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है।”
गौरतलब हैं कि, इस पूरे संकट की वजह थी DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) द्वारा लागू किए गए नए क्रू आराम नियम (crew rest rules), जो एयरलाइंस के पायलट और फ्लाइट क्रू के सप्ताहिक अवकाश पर आधारित थे। इन नियमों के कारण इंडिगो एयरलाइंस की कई उड़ानें रद्द या विलंबित हुईं, जिससे हवाई यात्रा प्रभावित हुई।
इंडिगो एयरलाइंस का संकट और उसका असर
DGCA के नए क्रू आराम नियमों के कारण इंडिगो एयरलाइंस को अचानक से अपनी फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ा, जिससे यात्रियों को लंबी कतारों और अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ा। दिल्ली हवाई अड्डे, बेंगलुरु और चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री फ्लाइट की सूचना का इंतजार करते नजर आए। सोशल मीडिया पर यात्रियों ने अपनी नाराजगी और असुविधा साझा की, जिससे यह समस्या और व्यापक हो गई।
अधिकारियों के अनुसार, इंडिगो की उड़ानों में हुई रद्दीकरण और देरी ने विशेष रूप से व्यावसायिक यात्रियों और छुट्टियों पर जाने वाले परिवारों को प्रभावित किया। कई यात्रियों को alternative flights की तलाश करनी पड़ी, जबकि कुछ यात्रियों को होटल में रात गुजारनी पड़ी।
बता दें कि, इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट रद्द और विलंबित होने की घटनाओं ने देशभर में हवाई यात्रा की असुविधाओं को उजागर किया। DGCA के आदेश को वापस लेने से न केवल एयरलाइंस को राहत मिली है बल्कि यात्रियों को भी अब अपने सफर में सुगमता मिलने की उम्मीद है। यह कदम एयरलाइंस और नियामक के बीच बेहतर समन्वय का उदाहरण है, जो भविष्य में हवाई यात्रा को अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने में मदद करेगा।
