नई दिल्ली/मुंबई। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के उड़ान रद्दीकरण का सिलसिला पांचवें दिन भी थमा नहीं। शनिवार को 385 से ज्यादा फ्लाइट कैंसल होने से सैकड़ों यात्री दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरों के हवाईअड्डों पर फंस गए। सरकार ने हवाई किराया सीमित करने का ऐलान किया है, लेकिन यात्रियों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है।
यह संकट मंगलवार से शुरू हुआ, जब इंडिगो ने क्रू की कमी का हवाला देकर फ्लाइट कैंसल करना शुरू किया। वजह बनी नई विमानन नियमों में बदलाव, खासकर पायलटों के आराम (FDTL) के सख्त नियम। मौसम की खराबी और तकनीकी खराबी ने भी हालात बिगाड़ दिए। शुक्रवार को 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जो कंपनी के 20 साल के इतिहास की सबसे बड़ी मुसीबत है। इंडिगो की बाजार हिस्सेदारी 60 फीसदी से ज्यादा है, इसलिए इसने पूरे हवाई यात्रा तंत्र को हिला दिया। बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर शनिवार को 124 इंडिगो फ्लाइट रद्द हुईं, जबकि मुंबई में 109, दिल्ली में 86 और हैदराबाद में 66।
अहमदाबाद में 35 उड़ानें कैंसल होने से यात्री भड़क उठे। केरल के हवाईअड्डों पर 12 फ्लाइट रद्द होने से सैकड़ों लोग फंस गए। गोवा के डाबोलिम एयरपोर्ट पर भी 14 उड़ानें प्रभावित हुईं, जहां यात्रियों ने काउंटर पर हंगामा किया। दिल्ली एयरपोर्ट ने शुक्रवार रात तक सभी घरेलू इंडिगो फ्लाइट रद्द घोषित कर दीं।
यात्रियों की परेशानी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कई लोग शादियों, छुट्टियों या जरूरी कामों के लिए निकले थे। दिल्ली से अगरतला जा रहे सौबिक मजुमदार ने बताया, “मैंने एक महीने पहले टिकट बुक किया था, भाई की शादी के लिए। सुबह 9 बजे की फ्लाइट थी, लेकिन 4 बजे कैंसिल का मैसेज आ गया। अब नई टिकट 50-70 हजार रुपये की पड़ रही है, जबकि मेरी पुरानी 8 हजार की थी।” वह अब बस या ट्रेन से जाना चाहते हैं, लेकिन जगह ही नहीं मिल रही। एक अन्य यात्री ने सोशल मीडिया पर शेयर किया कि थाईलैंड हनीमून पैकेज कैंसल हो गया, जिसकी कीमत 4 लाख रुपये थी। पंडितों ने 5 दिसंबर को शुभ बताया था, लेकिन अब सब बर्बाद।इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने शुक्रवार को वीडियो मैसेज जारी कर माफी मांगी। उन्होंने कहा, “हम यात्रियों की असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हैं। सभी कैंसल फ्लाइट के लिए ऑटोमैटिक रिफंड मिलेंगे। 5 से 15 दिसंबर तक रद्द या रीशेड्यूल पर कोई चार्ज नहीं।” कंपनी ने कहा कि 10-15 दिसंबर तक ऑपरेशन सामान्य हो जाएंगे। लेकिन पायलट यूनियनों ने सरकार के इंडिगो को सुरक्षा नियमों से छूट देने पर तीखा विरोध जताया। उनका कहना है कि यह यात्रियों की जान से खिलवाड़ है।सरकार ने राहत के तौर पर कुछ स्पेशल ट्रेनें चलाईं और रिफंड के लिए 7 दिसंबर शाम 8 बजे तक का समय दिया।
सरकार ने सख्त आदेश जारी किए…
आपदा में अवसर का लाभ उठाते हुए दूसरी कंपनियों ने यात्रा किराया में मनमानी बढ़ोतरी कर दी है। जब सरकार के कानों तक ये बात पहुंची सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। जिसमें अब 500 किलोमीटर तक की दूरी के लिए 7500, एक हजार किमी तक किराया 12000 रुपए, 1 हजार से 15 सौ तक किराया 15 हजार रुपए, 15 सौ किमी तक किराया 18 हजार तक ले सकते हैं।
हवाई किराया कैप करने से अब अन्य एयरलाइंस के टिकट महंगे नहीं हो पाएंगे। लेकिन सोशल मीडिया पर #IndiGoChaos ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग एयरलाइंस पर लूट का आरोप लगा रहे हैं। बेंगलुरु में तो यात्री सड़क पर उतर आए।यह संकट व्यस्त यात्रा मौसम में आया है, जब लोग छुट्टियां मना रहे हैं। इंडिगो को नुकसान तो होगा ही, लेकिन असली मार तो आम यात्री पर पड़ी है। अगर जल्द सामान्य न हुआ, तो हवाई यात्रा पर भरोसा कम हो सकता है। सरकार और कंपनी अब दबाव में हैं कि इसे कैसे संभालें।
