भारतीय प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2026 की मिनी नीलामी 16 दिसंबर 2025 को अबू धाबी के एतिहाद एरीना में होने वाली है। इस नीलामी में सबसे ज्यादा चर्चा एक नए नियम की हो रही है, जिसके तहत कोई भी विदेशी खिलाड़ी 18 करोड़ रुपये से ज्यादा की सैलरी नहीं ले सकेगा, भले ही उसके लिए बोली कितनी भी ऊंची लग जाए। अगर बोली 18 करोड़ से ज्यादा जाती है, तो अतिरिक्त राशि बीसीसीआई के प्लेयर वेलफेयर फंड में जाएगी, जबकि खिलाड़ी को सिर्फ 18 करोड़ मिलेंगे।
नीलामी में कुल 77 स्लॉट्स भरने हैं, जिनमें 31 विदेशी खिलाड़ियों के लिए हैं। सभी 10 टीमों का कुल पर्स 237.55 करोड़ रुपये है। कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के पास सबसे बड़ा पर्स 64.3 करोड़ रुपये है, जिससे वे बड़े खिलाड़ियों पर जोरदार बोली लगा सकते हैं। चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के पास 43.4 करोड़ हैं। अन्य टीमों में सनराइजर्स हैदराबाद के पास 25.5 करोड़, लखनऊ सुपर जायंट्स के 22.95 करोड़ और दिल्ली कैपिटल्स के 21.8 करोड़ हैं। मुंबई इंडियंस के पास सबसे कम सिर्फ 2.75 करोड़ बचे हैं।
यह नियम बीसीसीआई ने मिनी नीलामी में विदेशी खिलाड़ियों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने और लीग की वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए लागू किया है। पिछले मेगा ऑक्शन में रिषभ पंत 27 करोड़ में बिके थे, लेकिन रिटेंशन का टॉप स्लैब 18 करोड़ होने से मिनी ऑक्शन में विदेशी खिलाड़ियों की कैप 18 करोड़ ही तय हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे फ्रेंचाइजी की रणनीति बदलेगी और वे भारतीय खिलाड़ियों पर ज्यादा फोकस कर सकती हैं।
बता दें कि, आईपीएल की लोकप्रियता का राज यही रोमांच है – बोली वार, रणनीति और सरप्राइज। इस नए नियम से नीलामी और रोचक हो गई है। क्या कोई विदेशी पर 30 करोड़ की बोली लगेगी? या टीमें भारतीय टैलेंट पर फोकस करेंगी? 16 दिसंबर को सब साफ हो जाएगा।क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह दिन त्योहार जैसा है। जियोहॉटस्टार पर लाइव देखें और अपने फेवरिट प्लेयर की किस्मत का गवाह बनें!(शब्द गणना: लगभग 950)
