इज़राइल-ईरान युद्ध में रूस का बयान सामने आया हैं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुलकर बात किया हैं पुतिन ने कहा कि रूस इस समय संघर्ष में तटस्थ रहने की कोशिश कर रहा है क्योंकि इज़राइल में रहने वाले करीब 20 लाख रूसी भाषी लोग रूस के लिए मायने रखते हैं। उन्होंने कहा,ईरान समर्थक गुटों और विश्लेषकों ने हाल ही में रूस की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे कि जब अमेरिका ने ईरान के परमाणु स्थलों को टारगेट किया तो रूस, जो दशकों से ईरान का रणनीतिक साझेदार रहा है, चुप क्यों रहा?
पश्चिम एशिया में इज़राइल और ईरान के बीच जारी सैन्य संघर्ष ने अब और व्यापक रूप ले लिया है। इस युद्ध में अमेरिका की सक्रिय एंट्री के बाद वैश्विक कूटनीति में हलचल मच गई है। वहीं, इस मुद्दे पर रूस की भूमिका को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे थे कि उसका decades पुराना साथी ईरान जब युद्ध की आग में झुलस रहा है, तो वह चुप क्यों बैठा है। इन सभी सवालों का जवाब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम 2025 के दौरान दिया।
पुतिन ने उन आलोचकों को भी जवाब दिया जिन्होंने रूस की अपने सहयोगियों के प्रति वफादारी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने उन्हें “उकसाने वाला” बताया और कहा कि अरब देशों और इस्लामी देशों दोनों के साथ रूस के संबंध लंबे समय से मैत्रीपूर्ण रहे हैं, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रूस की 15 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। उन्होंने आगे कहा कि रूस इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) में एक पर्यवेक्षक भी है।
इज़राइल-ईरान युद्ध थमने का नाम ही नही ले रहा हैं दिन व दिन बढ़ता ही जा रहा हैं वहां के लोग दिन रात डर के साये में जी रहें हैं कि अगला दिन ना जाने कैसा होगा। खैर जो भी हो हम तो जल्द ही शांति की कामना करते हैं ।