अभिनेता अक्षय खन्ना को ‘ड्रिश्यम 3’ के निर्माताओं द्वारा कानूनी नोटिस भेजा गया। यह नोटिस तब जारी हुआ जब अक्षय ने फिल्म से अचानक, शूटिंग शुरू होने के ठीक पहले, एक संदेश के माध्यम से अपने हटने की सूचना दी। निर्माता कुमार मंगत पाठक ने स्पष्ट किया कि अक्षय के साथ पिछले महीने ही विस्तृत बातचीत, लुक और फीस पर कई दौर की चर्चा के बाद अनुबंध हुआ था, और उन्हें अग्रिम राशि भी दी गई थी। शूटिंग की तारीखें तय थीं, कॉस्ट्यूम्स बन चुके थे, और फिल्म की टीम पूरी तरह तैयार थी। लेकिन ‘धुरंधर’ की रिलीज़ से ठीक एक-दो दिन पहले अक्षय ने एक संदेश भेजा—”मैं फिल्म नहीं कर रहा हूँ”—और उसके बाद उन्होंने किसी भी कॉल या मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया।
यह घटना सिर्फ एक कलाकार के हटने का मामला नहीं, बल्कि बॉलीवुड में अनुबंध, स्टार पावर, और पेशेवर आचार-व्यवहार के बदलते समीकरणों की गवाही भी है। इस विवाद ने न सिर्फ फिल्म की टीम को संकट में डाला, बल्कि इंडस्ट्री के भीतर और बाहर व्यापक चर्चा को जन्म दिया।
‘दृश्यम 3’ के निर्माता कुमार मंगत पाठक ने अक्षय खन्ना को कानूनी नोटिस भेजा, जिसमें अनुबंध के उल्लंघन और अचानक हटने से हुए आर्थिक नुकसान का हवाला दिया गया। पाठक ने स्पष्ट किया कि अक्षय ने न केवल स्क्रिप्ट को पसंद किया था, बल्कि उन्होंने फिल्म को “₹500 करोड़ की फिल्म” तक कहकर तारीफ की थी। फीस पर कई दौर की बातचीत हुई, जिसमें अक्षय ने ‘ड्रिश्यम 2’ के मुकाबले तीन गुना अधिक फीस तय करवाई। अनुबंध पर हस्ताक्षर उनके अलीबाग फार्महाउस में हुए, और अग्रिम राशि भी दी गई। शूटिंग की तारीखें दिसंबर से मार्च तक तय थीं, और टीम ने उनके लुक, कॉस्ट्यूम्स आदि पर खर्च भी कर दिया था।
निर्माता का दावा है कि अक्षय ने अचानक हटने का निर्णय लिया, और उसके बाद किसी भी संवाद का जवाब नहीं दिया। यह सब तब हुआ जब फिल्म की शूटिंग शुरू होने वाली थी, जिससे टीम को भारी नुकसान हुआ। मजबूरी में निर्माताओं ने अभिनेता जयदीप अहलावत को अक्षय की जगह साइन किया।
नोटिस में उल्लिखित कानूनी आधार और संभावित दायित्व
कानूनी नोटिस में अनुबंध के उल्लंघन, अग्रिम राशि की वापसी, और आर्थिक नुकसान की भरपाई की मांग की गई है। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में अनुबंध कानून (Indian Contract Act, 1872) के तहत ऐसे मामलों में निर्माता कलाकार से न सिर्फ अग्रिम राशि की वापसी, बल्कि शूटिंग शेड्यूल, कॉस्ट्यूम्स, सेट्स आदि पर हुए खर्च की भरपाई भी मांग सकते हैं। अनुबंध में आमतौर पर कलाकार की उपस्थिति, शूटिंग शेड्यूल, प्रमोशनल एक्टिविटी, और लुक से जुड़े प्रावधान होते हैं। यदि कलाकार अनुबंध के अनुसार काम नहीं करता, तो निर्माता कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं—जिसमें नुकसान की भरपाई, विशेष प्रदर्शन (specific performance), या निषेधाज्ञा (injunction) शामिल हो सकती है।
यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें अग्रिम राशि दी गई थी, शूटिंग की तारीखें तय थीं, और टीम ने कॉस्ट्यूम्स, सेट्स आदि पर खर्च कर दिया था। ऐसे में निर्माता का दावा है कि अक्षय के हटने से उन्हें करोड़ों का नुकसान हुआ, जिसकी भरपाई के लिए वे अदालत का रुख करेंगे।
अक्षय खन्ना की प्रतिक्रिया और उनका पक्ष
अक्षय खन्ना ने इस विवाद पर अब तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने सिर्फ एक संदेश भेजा—”मैं फिल्म नहीं कर रहा हूँ”—और उसके बाद संवाद बंद कर दिया। उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि अक्षय आमतौर पर मीडिया से दूर रहते हैं, और विवादों में सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया नहीं देते। ‘धुरंधर’ की सफलता के बाद भी वे लाइमलाइट से दूर, अपने अलीबाग फार्महाउस में समय बिता रहे हैं, और हाल ही में एक धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेते हुए देखे गए।
कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने बताया कि अक्षय अपने काम को लेकर बेहद गंभीर हैं, और सफलता या विवादों से ज्यादा प्रभावित नहीं होते। वे अपने काम में डूबे रहते हैं, और बाहरी दुनिया से दूरी बनाए रखते हैं। सोशल मीडिया पर भी उनके प्रशंसक उनकी “शांत, आत्मविश्वासी और गैर-प्रदर्शनकारी” छवि की तारीफ कर रहे हैं।
मीडिया और सार्वजनिक प्रतिक्रिया
इस विवाद ने मीडिया में जबरदस्त हलचल पैदा की। अधिकांश रिपोर्ट्स में निर्माता के आरोपों को प्रमुखता से जगह मिली—अक्षय के “अहंकार”, “टॉक्सिक एनर्जी”, और “अनुबंध उल्लंघन” को लेकर तीखी टिप्पणियाँ की गईं। कई मीडिया हाउस ने अक्षय की ‘धुरंधर’ के बाद बढ़ी स्टार पावर और फीस की मांग को विवाद का मुख्य कारण बताया। सोशल मीडिया पर प्रशंसकों के बीच दो ध्रुव बन गए—एक तरफ वे जो अक्षय की “प्रोफेशनलिज़्म” और “कला के प्रति समर्पण” की तारीफ कर रहे हैं, दूसरी तरफ वे जो निर्माता के आरोपों को सही मान रहे हैं।
अभिनेता अरशद वारसी ने अक्षय का समर्थन करते हुए कहा, “अक्षय अपनी शर्तों पर जीते हैं, उन्हें दूसरों की राय की परवाह नहीं”। वहीं, निर्माता ने आरोप लगाया कि अक्षय की टीम “पेड कैंपेन” चला रही है, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है। मीडिया में यह भी चर्चा रही कि क्या ‘धुरंधर’ की सफलता ने अक्षय को “अहंकारी” बना दिया, या यह सिर्फ एक पेशेवर असहमति है।
‘धुरंधर’ की सफलता के बाद अक्षय खन्ना की फीस में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने ‘दृश्यम 3’ के लिए ₹21 करोड़ की मांग की, जो ‘ड्रिश्यम 2’ के मुकाबले तीन गुना थी। निर्माता ने यह फीस स्वीकार भी की, लेकिन विवाद तब बढ़ा जब अक्षय ने लुक (विग पहनने) और अन्य रचनात्मक मांगें रखीं।
यह सवाल उठता है कि क्या स्टार पावर के बढ़ने के साथ कलाकारों की मांगें जायज़ हैं, या यह इंडस्ट्री में असंतुलन पैदा करती हैं? निर्माता का कहना है कि “कुछ कलाकार जब एन्सेम्बल फिल्मों में काम करते हैं और फिल्म हिट हो जाती है, तो वे खुद को सुपरस्टार समझने लगते हैं”। उन्होंने यह भी कहा कि “अगर अक्षय खुद की फिल्म बनाएं, तो वह ₹50 करोड़ भी नहीं कमा पाएंगे”—यह टिप्पणी न सिर्फ व्यक्तिगत, बल्कि इंडस्ट्री के स्टार सिस्टम पर भी सवाल उठाती है।
अक्षय के हटने के बाद निर्माताओं ने जयदीप अहलावत को उनकी जगह साइन किया। जयदीप को इंडस्ट्री में “बेहतर अभिनेता और बेहतर इंसान” के रूप में देखा जा रहा है। निर्माता ने कहा, “भगवान की कृपा से हमें अक्षय से बेहतर अभिनेता और इंसान मिल गया”। हालांकि, अक्षय के हटने से शूटिंग शेड्यूल बदलना पड़ा, स्क्रिप्ट में बदलाव करना पड़ा, और टीम को करोड़ों का नुकसान हुआ।
फिल्म की रिलीज़ डेट (2 अक्टूबर 2026) तय है, और टीम अब जयदीप के साथ आगे बढ़ रही है। इंडस्ट्री में यह चर्चा है कि क्या यह बदलाव फिल्म की गुणवत्ता और दर्शकों की अपेक्षाओं पर असर डालेगा, या ‘ड्रिश्यम’ ब्रांड अपनी ताकत से आगे बढ़ेगा।
यह विवाद सिर्फ एक अनुबंध या फीस का मामला नहीं, बल्कि बॉलीवुड में सफलता, अहंकार, और मीडिया निर्माण के बदलते स्वरूप का भी संकेत है। निर्माता ने बार-बार कहा कि “धुरंधर की सफलता अक्षय के सिर चढ़ गई है”। मीडिया में भी यह विमर्श चला कि क्या स्टार पावर के बढ़ने से कलाकारों में अहंकार आ जाता है, और वे टीम वर्क, अनुबंध, और पेशेवर आचार-व्यवहार को नजरअंदाज करने लगते हैं।
बॉलीवुड में PR टीमें भी इस विमर्श को नियंत्रित करती हैं—वे स्टार्स की छवि, विवाद, और खबरों को रणनीतिक तरीके से मीडिया में प्रस्तुत करती हैं। कई बार कलाकारों की “संघर्ष की कहानियाँ” भी बनाई जाती हैं, ताकि वे आम जनता से जुड़ सकें। लेकिन दर्शक अब इन रणनीतियों को पहचानने लगे हैं, और असली संघर्ष, पेशेवर आचार, और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं।
बॉलीवुड में अनुबंध विवाद कोई नई बात नहीं है। हाल ही में ‘हेरा फेरी 3’ में परेश रावल के हटने और कानूनी कार्रवाई की खबरें आई थीं, जो बाद में सुलझ गईं। ‘सूर्या’ फिल्म में भी अभिनेता सिद्धार्थ शर्मा ने अनुबंध उल्लंघन पर कानूनी नोटिस भेजा था। इससे पहले भी कई बड़े कलाकारों—सलमान खान, अक्षय कुमार, जावेद अख्तर, कंगना रनौत—ने अनुबंध, मानहानि, या व्यक्तिगत अधिकारों के मामलों में अदालत का रुख किया है।
इन मामलों में आमतौर पर अनुबंध कानून, विशेष प्रदर्शन, नुकसान की भरपाई, और निषेधाज्ञा जैसे कानूनी प्रावधान लागू होते हैं। अदालतें अक्सर अनुबंध के स्पष्ट प्रावधान, पक्षों की मंशा, और आर्थिक नुकसान को ध्यान में रखकर फैसला देती हैं।
कानूनी प्रक्रिया और संभावित परिणाम
अक्षय खन्ना को भेजे गए नोटिस में स्पष्ट रूप से अनुबंध के उल्लंघन, अग्रिम राशि की वापसी, और आर्थिक नुकसान की भरपाई की मांग की गई है। यदि मामला अदालत में जाता है, तो निम्नलिखित संभावित परिणाम हो सकते हैं:
अक्षय खन्ना को जारी नोटिस सिर्फ एक कलाकार और निर्माता के बीच का विवाद नहीं, बल्कि बॉलीवुड में बदलते समीकरणों, स्टार पावर, अनुबंध, और पेशेवर आचार-व्यवहार का आईना है। ‘धुरंधर’ की सफलता ने अक्षय को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया, लेकिन ‘ड्रिश्यम 3’ विवाद ने इंडस्ट्री में अनुबंध, टीम वर्क, और कार्यस्थल संस्कृति पर गहरे सवाल खड़े किए हैं।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि बॉलीवुड में सफलता और स्टारडम के साथ जिम्मेदारी भी आती है—अनुबंध का सम्मान, टीम वर्क, और पेशेवर आचार-व्यवहार ही दीर्घकालिक सफलता की नींव हैं। इंडस्ट्री को चाहिए कि वह पारदर्शिता, संवाद, और सुलह की संस्कृति को बढ़ावा दे, ताकि ऐसे विवाद भविष्य में कम हों।
