कर्नाटक की राजनीति इन दिनों उथल-पुथल के दौर से गुजरती दिखाई दे रही है। कांग्रेस की सत्ता में वापसी के बाद भले ही राज्य में स्थिर सरकार चल रही हो, लेकिन पार्टी के भीतर नेतृत्व और मंत्री पदों को लेकर असंतोष लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी बीच डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के हालिया बयान ने नए राजनीतिक संकेतों को जन्म दे दिया है। शिवकुमार ने साफ तौर पर कहा है कि राज्य के सभी 140 विधायक मुख्यमंत्री बनने के काबिल हैं और सभी उनके विधायक हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में कैबिनेट फेरबदल और कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव की अटकलें तेज हैं।
वहीं, डिप्टी सीएम के बयान पर राज्य के सीएम सिद्दरमैया से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि हाईकमान ही कैबिनेट में फेरबदल करता है। सीएम ने कहा कि डीके शिवकुमार, मुझे और सभी को सुनना होगा कि हाईकमान क्या कहता है। उन्होंने कहा कि मैं अगला बजट खुद पेश करूंगा, मैं आगे भी जारी रखूंगा; मैं कल मल्लिकार्जुन खरगे से मिलूंगा।
दिल्ली दौरा और बढ़ते राजनीतिक संदेश
बीते दिनों डीके शिवकुमार अचानक अपने समर्थकों के साथ दिल्ली पहुंचे। इस यात्रा के पीछे यह दावा किया गया कि वह कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। राजनीतिक हलकों में माना गया कि उनके इस दौरे से मुख्यमंत्री पद को लेकर अंदरूनी खींचतान और बढ़ गई है। हालांकि, शिवकुमार अब वापिस बेंगलुरु लौट आए हैं और उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए इन सभी कयासों को सामान्य राजनीतिक गतिविधियाँ बताया।
कैबिनेट फेरबदल पर मचा घमासान
कर्नाटक में सत्ता संभालने के बाद से ही कैबिनेट में विस्तार और फेरबदल की चर्चा जारी है। कई विधायक मंत्री पद की उम्मीद में हैं और उसी के चलते अंदरूनी दबाव भी देखा जा रहा है।
शिवकुमार के अनुसार—
“सीएम ने तय किया है कि कैबिनेट में बदलाव होगा, इसलिए सभी मंत्री बनने में दिलचस्पी रख रहे हैं। यह स्वाभाविक है।”इस बयान के बाद राजनीतिक समीकरण बदलने की आशंका और तेज हो गई है
क्या कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन के संकेत?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि:
- कांग्रेस ने कर्नाटक में 2023 विधानसभा चुनाव जीतते समय सिद्दरमैया और शिवकुमार दोनों को सत्ता का चेहरा बनाया था
- इसी कारण सत्ता साझा करने का फार्मूला भी भविष्य में अहम मुद्दा हो सकता है
- शिवकुमार अपने आपको मजबूत संगठनात्मक नेता के रूप में देख रहे हैं
- उनके समर्थक लगातार मुख्यमंत्री पद की मांग तेज कर रहे हैं
हालाँकि, पार्टी की ओर से अब तक किसी भी बदलाव के संकेत नहीं दिए गए हैं।
बता दें कि, कर्नाटक में अभी भले सरकार स्थिर हो, लेकिन अंदरखाने सत्ता संघर्ष की हलचल तेज होती दिख रही है। डीके शिवकुमार का “सभी 140 MLA मेरे” और “सभी सीएम बनने योग्य” जैसा बयान, न केवल राजनीतिक संकेत देता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि मंत्री पद और नेतृत्व को लेकर होड़ अभी खत्म नहीं हुई। अब निगाहें हाईकमान पर टिकी होंगी कि वह इन गतिविधियों को कैसे संभालता है और सरकार को एकजुट रख पाता है या नहीं।
