बरसात का मोसम खेती के लिए बहुत ही अच्छा होता हैं ।किसानों को इस मोसम का इंतजार होता हैं। जब कभी बारिश नही होती सुखा पड़ जाता है। तो किसान मायूस हो जाते हैं इस मोसम में अच्छी खेती होती हैं। और सभी किसानो को इसका इंतजार होता है। खेती करने के लिए कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अब तक सभी खरीफ फसलों की बुवाई होती हैं मोसम विभाग ने सामान्य से अधिक वर्षा की भविष्यवाणी की हैं। इस खबर से खेती करने वाले लोग खूश हैं।
नई दिल्ली: देश में खरीफ सीजन की बुवाई ने इस बार जोरदार शुरुआत की है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) की सामान्य से अधिक वर्षा की भविष्यवाणी के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में किसानों ने बुवाई की रफ्तार तेज कर दी है। ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 20 जून 2025 तक देशभर में धान की बुवाई 13.22 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो कि पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले 58 प्रतिशत अधिक है।गौरतलब हैं कि, पिछले साल इस समय तक केवल 8.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती हुई थी।
देश भर के किसानों के लिए खरीफ सीजन की शुरुआत राहत भरी रही है. सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस बार 20 जून 2025 तक धान की बुवाई 13.22 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो पिछले साल इसी समय के मुकाबले 58 फीसदी ज्यादा है. पिछले साल यह आंकड़ा सिर्फ 8.37 लाख हेक्टेयर था।
वही, कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, दलहनों की बुवाई भी बढ़कर 9.44 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जो पिछले साल 6.63 लाख हेक्टेयर थी. मोटे अनाज यानी ‘श्री अन्न’ की खेती भी उत्साहजनक रही। जिसका रकबा 18.03 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जबकि पिछले साल यह 14.77 लाख हेक्टेयर था।
बता दें कि, अब तक देशभर में सभी खरीफ फसलों का कुल रकबा 137.84 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो कि पिछले साल इसी समय 124.88 लाख हेक्टेयर था. दक्षिण-पश्चिम मानसून अब अपनी गति पकड़ चुका है और भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस साल सामान्य से ज्यादा बारिश की भविष्यवाणी की है. ऐसे में आने वाले हफ्तों में बुवाई और तेजी पकड़ सकती है.
बता दें कि, कृषि मंत्रालय और मौसम विभाग दोनों इस बात को लेकर आशान्वित हैं कि अगर मानसून अपनी चाल बनाए रखता है, तो खरीफ सीजन में फसल उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो सकती है। खाद्यान्न उत्पादन बढ़ने से महंगाई पर नियंत्रण, ग्रामीण आय में वृद्धि और देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलने की उम्मीद है।