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मध्यप्रदेश पुलिस के इतिहास में एक शर्मनाक और गंभीर घटना सामने आई है। सिवनी जिले के हवाला लूटकांड ने पुलिस विभाग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में अब तक कुल 11 पुलिसकर्मी आरोपी बन चुके हैं, जिनमें एसडीओपी पूजा पांडे, एसआई अर्पित भैयाराम और चार कांस्टेबल शामिल हैं। अधिकारियों पर डकैती, अपहरण और आपराधिक षड्यंत्र जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।

राज्यभर में मचा हड़कंप

बता दें कि, इस मामले ने मध्यप्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। राज्यभर में यह चर्चा का विषय बन गया है कि जिन पर जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी, वही वर्दीधारी अपराधी बन बैठे।

इस मामले में एसडीओपी पूजा पांडे की गिरफ्तारी से एक संदेश भी गया है कि कानून के साथ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा, चाहे वह पुलिस विभाग का अधिकारी ही क्यों न हो। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और पूरी जांच अभी बाकी है, जिससे आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं।

सिवनी हवाला लूटकांड ने यह साबित कर दिया है कि कानून का पालन और जनता की सुरक्षा में विश्वासघात कितनी गंभीर सामाजिक और प्रशासनिक समस्या पैदा कर सकता है। पुलिस विभाग के लिए यह मामला चेतावनी है कि भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ सख्त रुख अपनाना ही भविष्य में विश्वास बहाल करने का मार्ग है।

मामले में केवल निचले स्तर के पुलिसकर्मी ही नहीं, बल्कि वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं। आईजी प्रमोद वर्मा ने सिवनी एसपी सुनील कुमार मेहता और एडिशनल एसपी दीपक मिश्रा को शो-कॉज नोटिस जारी कर पूछा है कि इतनी बड़ी रकम की बरामदगी की सूचना उन्होंने तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को क्यों नहीं दी।

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