भारत में किसानों के लिए अब खेती सिर्फ परंपरागत अनाज या सब्जियों तक सीमित नहीं रह गई है। बदलते समय और बाजार की मांग को देखते हुए अब किसान फूलों की खेती (Floriculture) की ओर भी तेजी से रुख कर रहे हैं। इन दिनों सबसे अधिक चर्चा में है गेंदे की खेती (Marigold Farming), जिसे कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसल माना जाता है। सरकार भी किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए इस पर सब्सिडी और तकनीकी सहायता दे रही है।
क्यों खास है गेंदे की खेती?
गेंदा एक ऐसी फूल वाली फसल है जिसकी मांग पूरे साल बनी रहती है। धार्मिक आयोजनों, शादियों, त्योहारों, मंदिरों, होटलों, सजावट और औषधीय उपयोगों में इसकी खपत लगातार बढ़ रही है। यही वजह है कि गेंदा किसानों के लिए एक लाभदायक वैकल्पिक फसल (Cash Crop) बन चुका है।
किसान गेंदे की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. गेंदे की खेती आसान और कम मेहनत में ज्यादा फायदा देने वाली बताई जाती है. बाजार में गेंदे की मांग बढ़न…किसान गेंदे की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. गेंदे की खेती आसान और कम मेहनत में ज्यादा फायदा देने वाली बताई जाती है. बाजार में गेंदे की मांग बढ़न…
सरकार दे रही सब्सिडी और मदद
भारत सरकार और राज्य सरकारें राष्ट्रीय बागवानी मिशन (National Horticulture Mission – NHM) के तहत गेंदे सहित अन्य फूलों की खेती पर किसानों को 30% से लेकर 50% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही हैं।
- छोटे और सीमांत किसानों के लिए यह सब्सिडी 50% तक हो सकती है।
- वहीं बड़े किसानों के लिए 30% तक सहायता राशि दी जाती है।
- सब्सिडी के साथ-साथ किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, बीज सहायता, सिंचाई उपकरण और जैव उर्वरक की सुविधा भी दी जा रही है।
बता दें कि, गेंदे की खेती भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और अतिरिक्त आय का मजबूत जरिया बन रही है। सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी, तकनीकी मार्गदर्शन और बाजार सुविधा से किसान अब परंपरागत फसलों के बजाय ऐसी लाभदायक वैकल्पिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं।
