नई दिल्ली के ऐतिहासिक कर्तव्य पथ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सेंट्रल विस्टा परियोजना के अंतर्गत निर्मित पहले अत्याधुनिक भवन ‘कर्तव्य भवन-03’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने भवन से संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया, जिसमें इसके वास्तुशिल्पीय और पर्यावरणीय विशेषताओं को रेखांकित किया गया।
कर्तव्य भवन-03 को जीआरआईएचए-4 रेटिंग प्राप्त हरित भवन के रूप में डिजाइन किया गया है। इसमें डबल-ग्लेज़्ड कांच, रूफटॉप सोलर पैनल, सौर जल तापक, रेनवाटर हार्वेस्टिंग और उन्नत हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम जैसी सुविधाएं हैं। भवन में ऊर्जा-बचत वाली एलईडी लाइट्स, स्मार्ट लिफ्ट्स और सेंसर आधारित बिजली नियंत्रण प्रणाली लगी हुई है।
प्रशासनिक दक्षता में आएगी क्रांतिकारी सुधार
कर्तव्य भवन-03 का निर्माण, भारत सरकार की प्रशासनिक कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी, समन्वित और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। वर्तमान में कई मंत्रालय पुराने, जर्जर और स्थान सीमित भवनों जैसे कि शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन में संचालित हो रहे हैं।
इस भवन में ये प्रमुख मंत्रालयों के कार्यालय संचालित होंगे:
- गृह मंत्रालय
- विदेश मंत्रालय
- ग्रामीण विकास मंत्रालय
- एमएसएमई मंत्रालय
- कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग
- पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय
- प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय
कर्तव्य भवन-03 का उद्घाटन भारत के शासकीय ढांचे के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह भवन न केवल तकनीकी उत्कृष्टता का उदाहरण है, बल्कि यह ‘कर्तव्य’ और ‘पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी’ जैसे मूल्यों को समाहित करता है। यह देश के विकास के सफर में आधुनिकता, पारदर्शिता और स्थायित्व का प्रतीक बनकर उभरेगा।