भोपाल। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने राज्य का बजट पेश किया। इस बार सरकार की तरफ से 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया, जो अब तक का सबसे बड़ा बजट है।
अचानक विधानसभा क्यों पहुंचे शिवराज सिंह चौहान?
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा राज्य का बजट पेश कर ही रहे थे कि इसी बीच एक समय ऐसा आया जब पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अचानक सदन में पहुंचे। जैसे ही उन्होंने विधानसभा में प्रवेश किया, सभी की निगाहें उनकी ओर चली गईं। प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस दौरान वित्त मंत्री का बजट भाषण कुछ देर के लिए रोककर पूर्व मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इसके बाद बजट भाषण फिर से शुरू किया गया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया स्वागत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सदन में शिवराज सिंह चौहान का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि,
“पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हमारे बीच मौजूद हैं और मैं पूरे सदन की ओर से उनका अभिनंदन करता हूं।”
बजट पर विपक्ष ने उठाए सवाल
बजट पेश होते ही विपक्ष ने इस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। उन्होंने इस बज को बेहद कमजोर करार देते हुए कहा कि ये जन अकांक्षाओं को पूरा करने वाला बजट बिल्कुल भी नहीं है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार स्किल डेवलपमेंट और प्रशिक्षण योजनाओं की बातें कर रही है, लेकिन कितने युवाओं को रोजगार मिला है, इसका कोई ठोस डेटा नहीं दिया गया। उन्होंने सरकार पर किसानों के सात नाइंसाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि आज किसानो से पूछने पर पता चलेगा कि वो इस बजट को सुनकर कितना दुखी हुआ होगा। उसकी आशाओं पर पानी फिर गया होगा। उन्होंने कहा कि समय पर खाद न मिलने, फसलों की खरीद न होने और बढ़ती बेरोजगारी प्रदेश को खोखला कर रही है।
उन्होंने इस बजट को “जुमलेबाजी का बजट” करार देते हुए कहा कि यह सिर्फ कागजी घोषणाओं का पुलिंदा है, लेकिन जमीन पर इसका असर नहीं दिखेगा। जो प्रदेश के भविष्य के लिए बेहद खतरे का संकेत है.
अब तक का यह सबसे बड़ा बजट
इस बार पेश किए गए 4.21 लाख करोड़ रुपये के बजट को लेकर विपक्ष के अपने आरोप हैं तो वहीं सरकार इसे प्रदेश के लिए बेहद शानदार बजट करार दे रही है। सरकार का दावा है कि प्रदेश के विकास, बुनियादी ढांचे और युवाओं को रोजगार देने की दिशा में एक अहम कदम साबित होने वाला है। इतना ही नहीं इस बजट से राज्य में नई नौकरियां पैदा होंगी, किसानों को राहत मिलेगी और शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े सुधार होंगे।
सरकार के दावों सच्चाई होती तो प्रदेश का युवा बेरोजगार न होता।
पक्ष-विपक्ष के अपने विचारों के बीच असल सच्चाई तो यही है कि रोजगार के लिए बेरोजगार युवाओं की लंबी लाइन है। कोई भी सरकार कितना भी दावा करे मगर हकिकत कुछ और है। प्रदेश का युवा रोजगार की आस लिए दर दर और देश के कोने -कोने में भटक रहा है मगर उसकी सुनने वाला कोई नहीं है। आज का युवा एक गहरे मानसिक दबाव के बीच सुनहरे भविष्य को तलाश रहा है जो उसे दिखाई नहीं दे रहा है। अपनी प्रतिभाओं का सही उपयोग नहीं कर पा रहा है। इस सच्चाई को कोई भी नहीं समझ रहा है। पढ़ा लिखा युवा आज सिर्फ काम मांग रहा है ताकि वह अपना और परिवार का पेट पाल सके। जितने दावे हर बार सरकारों की तरफ से किए जाते रहे हैं अगर असल में वो पूरे हो गए होते आज स्थिति कुछ औऱ होती। आज कोई भी बेरोजगारी की माला नहीं जप रहा होता। यह कोई नहीं बात नहीं है सरकारें आएंगी औऱ जाएंगी हालात यही होंगे। स्थिति तभी बदल सकती है जब युवा जागेगा औऱ अपने हक की लड़ाई को लड़ेगा।