बेंगलुरु। भारतीय वायुसेना (IAF) के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की अभूतपूर्व सैन्य सफलता का खुलासा करते हुए बताया कि भारत की S-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के पांच लड़ाकू विमानों और एक हवाई निगरानी विमान (AEW&C/ELINT) को 300 किलोमीटर की दूरी से मार गिराया। यह अब तक का सबसे लंबी दूरी का सतह से हवा में मार करने वाला हमला है। इसके अलावा, जैकबाबाद हवाई अड्डे पर खड़े F-16 लड़ाकू विमानों और भोलारी हवाई अड्डे पर एक AEW&C विमान को भी नष्ट किया गया। यह बयान बेंगलुरु में 16वें एयर चीफ मार्शल एल.एम. कात्रे मेमोरियल लेक्चर के दौरान दिया गया।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई 2025 को शुरू हुआ था, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब था। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने शुरू में हमले की जिम्मेदारी ली, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया, जिसमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय पूरी तरह नष्ट हो गया। इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जबकि आसपास की नागरिक इमारतों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
S-400: गेम-चेंजर साबित हुई तकनीक
एयर चीफ मार्शल सिंह ने S-400 को “गेम-चेंजर” बताते हुए कहा कि इसकी 400 किलोमीटर तक की मारक क्षमता ने पाकिस्तानी विमानों को भारत की सीमा में प्रवेश करने से रोका। उन्होंने बताया, “पाकिस्तान के पास लंबी दूरी के ग्लाइड बम थे, लेकिन वे इसका इस्तेमाल नहीं कर सके क्योंकि उनकी वायुसेना हमारी रक्षा प्रणाली को भेद नहीं पाई।” ऑपरेशन के दौरान मुरीदके, चकलाला, और अन्य स्थानों पर कमांड और कंट्रोल सेंटरों के साथ-साथ छह रडार भी नष्ट किए गए।
पाकिस्तान की हार और वापसी
वायुसेना प्रमुख ने खुलासा किया कि 80-90 घंटे की तीव्र कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ। पाकिस्तानी सेना ने भारत के डीजीएमओ को संदेश भेजकर बातचीत की पेशकश की, जिसे भारत ने स्वीकार कर लिया। सिंह ने कहा, “हमने इतना नुकसान पहुंचाया कि उन्हें लगा कि युद्ध जारी रखने की कीमत बहुत भारी होगी।”
बालाकोट का भूत पीछे छूटा
2019 के बालाकोट हमले के बाद भारत को अपने दावों को साबित करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस बार, सिंह ने सैटेलाइट इमेज और स्थानीय पाकिस्तानी मीडिया से प्राप्त तस्वीरों के जरिए हमलों की सफलता को साबित किया। उन्होंने कहा, “हमने दुनिया को दिखा दिया कि हमने क्या हासिल किया। बहावलपुर में जैश का मुख्यालय पूरी तरह नष्ट हो गया, और यह सटीक हमला था।”
राजनीतिक इच्छाशक्ति और सेनाओं का समन्वय
सिंह ने ऑपरेशन की सफलता का श्रेय मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और तीनों सेनाओं के बीच बेहतरीन समन्वय को दिया। उन्होंने कहा, “हमें पूरी आजादी थी। हमारी रणनीति और कार्यान्वयन पर कोई बाहरी दबाव नहीं था। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ने सभी एजेंसियों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”
“और मारना था” लेकिन सही फैसला लिया गया
ऑपरेशन को रोकने के फैसले पर कुछ लोगों ने सवाल उठाए और कहा कि “और मारना था।” इस पर सिंह ने जवाब दिया, “हमारा लक्ष्य आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था, जो हमने हासिल कर लिया। युद्ध को अनावश्यक रूप से बढ़ाने की जरूरत नहीं थी। देश ने सही समय पर सही फैसला लिया।”
पाकिस्तान को सबक
ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल पाकिस्तान की हवाई क्षमता को गंभीर झटका दिया, बल्कि भारत की सटीक और उच्च-तकनीकी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन भी किया। सिंह ने कहा, “हमने पाकिस्तान को बता दिया कि हम जहां चाहें, वहां हमला कर सकते हैं।” यह ऑपरेशन आधुनिक युद्ध में भारत की तकनीकी और रणनीतिक श्रेष्ठता का प्रतीक बन गया है।