आज सदन में किसानों के मुद्दे पर गंभीर रूप से चर्चा होनी थी मगर आज का दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। किसी प्रकार की कोई चर्चा नहीं हो पाई सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि आज किसानों को अति संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा करनी है मगर कुछ भी नहीं हुआ।
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भी लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया। विपक्षी दलों ने बिहार में मतदाता सूची की जांच और स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के खिलाफ विरोध जताया। इसके साथ ही विपक्षी सांसदों ने पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मुद्दों पर भी सरकार से जवाबदेही की मांग की। लगातार हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही बुधवार यानी 23 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई।
आज जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई उसके कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, लेकिन कुछ ही देर बाद दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सहित कई नेताओं ने मकर द्वार पर संसद भवन की सीढ़ियों पर खड़े होकर बिहार SIR के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष इसे रोकने की मांग कर रहा है।
दरअसल विपक्ष लगातार इस बात की मांग कर रहा है कि बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर चर्चा कराई जाए और इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद सदन में बयान दें। विपक्ष का आरोप है कि बिहार में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और पक्षपात हुआ है। जिस पर प्रमुखता से चर्चा होनी चाहिए और जवाबदेही भी तय होनी चाहिए।
राज्यसभा में भी विपक्षी सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर शून्यकाल में चर्चा की मांग की। विपक्षी दलों के सांसदों ने नारे लगाए और सभापति के आसन के सामने आकर विरोध जताया। हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही भी पहले कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी और अंतत: उसे भी 23 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
बता दें कि, संसद के मानसून सत्र का यह दूसरा दिन था और दोनों सदनों में जनता के मुद्दों पर कोई गंभीर चर्चा नहीं हो सकी। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार और विपक्ष दोनों को जिम्मेदारी दिखाते हुए जनता से जुड़े सवालों पर सार्थक बहस करनी चाहिए।
कृषि मंत्री शिवराज बोले किसानों पर चर्चा होने दो…
देश के केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में बोलना शुरू ही किया था कि विपक्षी नेताओं का शोर जोर पकड़ने लगा। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों का मुद्दा अति संवेदन शील मुद्दा है जिस पर हम सभी को मिलकर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने सभापति से कहा तो सभापति ने विपक्षी नेताओं से अपील की मगर नतीजा कुछ नहीं निकला सदन की कार्यवाही को रोकना पड़ा बीच में भी दोबारा कोशिशें हुई लेकिन हंगामे के चलते कार्यवाही को बुधवार तक के लिए रोकना पड़ा।