नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 मई को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान की सीमा पर भारतीय सेना द्वारा किए गए सफल सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली बार राजस्थान के सीमावर्ती ज़िले बीकानेर का दौरा किया। यह दौरा सामरिक दृष्टि से न केवल अत्यंत महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा, विश्वास और विकास की नई दिशा को बल मिला है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बीकानेर जिले के देशनोक में स्थित ऐतिहासिक करणी माता मंदिर में पूजा-अर्चना कर अपने दौरे की शुरुआत की। ylels ;ns kf, करणी माता मंदिर न केवल राजस्थान की धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की श्रद्धा का प्रतीक भी है। प्रधानमंत्री का यह मंदिर दौरा न केवल धार्मिक भावनाओं से जुड़ा रहा, बल्कि यह उनके सीमावर्ती इलाकों के प्रति भावनात्मक जुड़ाव को भी दर्शाता है।
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि
बता दें कि, 7 मई 2025 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था। यह कार्रवाई पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकी गतिविधियों और घुसपैठ की घटनाओं के जवाब में की गई थी। इस ऑपरेशन में सेना ने लक्षित हमलों के माध्यम से पाकिस्तान में मौजूद आतंकी अड्डों को ध्वस्त किया था।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन्स से हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय रक्षा प्रणालियों ने सभी ड्रोन्स को सफलतापूर्वक मार गिराया। यह घटना भारत की मजबूत सुरक्षा नीति और तकनीकी दक्षता का प्रमाण है।
बीकानेर दौरे का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा सिर्फ एक साधारण राजनीतिक यात्रा नहीं थी, बल्कि यह सीमावर्ती क्षेत्रों में देश के शीर्ष नेतृत्व की उपस्थिति का प्रतीक भी है। इस दौरे से यह संदेश गया है कि भारत की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और सरकार सीमावर्ती इलाकों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। बीकानेर जिले के देशनोक मेंबता दें कि, प्रधानमंत्री मोदी ने पुनर्विकसित देशनोक रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया। यह स्टेशन आधुनिक सुविधाओं से लैस कर स्मार्ट स्टेशन के रूप में विकसित किया गया है। इसमें अत्याधुनिक वेटिंग एरिया, डिजिटल डिस्प्ले, स्वचालित टिकटिंग सिस्टम और दिव्यांगजन के लिए विशेष सुविधाएं शामिल हैं।
26 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बीकानेर दौरे के दौरान 26 हजार करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। इन परियोजनाओं में:
- सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क और रेल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए आधारभूत संरचना विकास
- रक्षा संबंधित लॉजिस्टिक सुविधाओं का विस्तार
- पानी और सिंचाई परियोजनाएं
- ऊर्जा उत्पादन से जुड़ी योजनाएं
इन सभी परियोजनाओं का उद्देश्य न केवल स्थानीय जनता को रोजगार और सुविधाएं देना है, बल्कि यह सामरिक दृष्टि से भी भारत को और अधिक सुदृढ़ बनाना है।
पीएम मोदी का संबोधन
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:
“भारत की सीमाएं सिर्फ एक भौगोलिक रेखा नहीं हैं, बल्कि यह हमारी अस्मिता, संप्रभुता और स्वाभिमान का प्रतीक हैं। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत की संप्रभुता के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में न केवल सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर रही है, बल्कि वहां के नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है।
करणी माता मंदिर का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी का करणी माता मंदिर जाना, उनके दौरे का एक विशेष धार्मिक पहलू रहा। करणी माता को ‘चूहों वाली माता’ के नाम से भी जाना जाता है, और यह मंदिर देशनोक में स्थित है। यहाँ लाखों चूहे श्रद्धालुओं द्वारा पूजे जाते हैं, और इसे भारत के सबसे अनोखे मंदिरों में गिना जाता है।
प्रधानमंत्री ने मंदिर में विशेष पूजा की और देशवासियों के कल्याण की कामना की। स्थानीय पुजारियों ने उन्हें मंदिर का इतिहास और धार्मिक महत्व बताया।