वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के 51वें दौरे के दौरान विकास की नई इबारत लिखी। इस दौरान उन्होंने 2200 करोड़ रुपये की 52 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इन योजनाओं का फायदा सीधे किसानों, दिव्यांगों और बुजुर्गों तक पहुंचेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “मेरा मंत्र है – जो जितना पिछड़ा, उसे उतनी ज्यादा प्राथमिकता।” इस दृष्टिकोण के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना की घोषणा की, जिसके तहत 24 हजार करोड़ रुपये पिछड़े जिलों के किसानों के कल्याण के लिए खर्च होंगे। यह योजना उन क्षेत्रों को तरक्की देगी, जो पहले की गलत नीतियों के कारण पीछे रह गए थे।
काशी को स्मार्ट सिटी की राह
मोदी ने वाराणसी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए नई सड़कों, पुलों, पार्किंग क्षेत्रों और पर्यटन स्थलों के विकास पर जोर दिया। काशी के घाटों का जीर्णोद्धार, गंगा की स्वच्छता और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है।
विकास के विरोधियों को जवाब
प्रधानमंत्री ने कुछ दलों पर विकास योजनाओं के विरोध का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता जानती है कि देश की भलाई कौन चाहता है। उन्होंने गांववासियों से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने और देश को विकास के नए पथ पर ले जाने का आह्वान किया।यह दौरा किसानों को वित्तीय सहायता, दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए सहायक उपकरणों के वितरण और करोड़ों की परियोजनाओं के साथ एक बार फिर साबित करता है कि सरकार हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। वाराणसी का यह दौरा गांव-गांव तक विकास की किरण पहुंचाने का संदेश देता है।