अमेरिका के द्विदलीय (बिपार्टीजन) सांसदों के एक समूह ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अपील की है कि वे भारत में होने वाले क्वाड (QUAD) लीडर्स समिट में भाग लें। सांसदों ने कहा कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र न केवल अमेरिका की सुरक्षा के लिए, बल्कि वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में अमेरिका की सक्रिय उपस्थिति, चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।
चिट्ठी में आगे कहा गया है कि क्वाड ग्रुपिंग अमेरिका के हितों को आगे बढ़ाने की “केंद्रीय आधारशिला” है. इसमें लिखा है, “ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत के सा… यह चिट्ठी उस संशोधन के बाद आया है जिसे डेमोक्रेटिक कांग्रेसवुमन सिडनी कैमलेगर-डव ने ‘डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट पॉलिसी प्रोविज़न्स एक्ट’ में जोड़ा था।
सिडनी कैमलेगर-डव का संशोधन और नई नीति पहल
यह अपील ऐसे समय में आई है जब डेमोक्रेटिक कांग्रेसवुमन सिडनी कैमलेगर-डव (Sydney Kamlager-Dove) ने हाल ही में “Department of State Policy Provisions Act” में एक महत्वपूर्ण संशोधन जोड़ा है। इस संशोधन में अमेरिकी विदेश विभाग को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और क्वाड की भूमिका को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया है।
सांसदों के अनुसार, इस संशोधन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अमेरिका अपने रणनीतिक सहयोगियों के साथ मिलकर चीन की आक्रामक नीतियों का संतुलन बनाए रखे।
ट्रंप की विदेश नीति पर भी निगाहें
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति हमेशा से “अमेरिका फर्स्ट” सिद्धांत पर आधारित रही है। हालांकि, क्वाड जैसे मंचों में उनकी भूमिका को लेकर अमेरिका के भीतर भी मिश्रित प्रतिक्रिया रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ट्रंप भारत में होने वाले इस सम्मेलन में शामिल होते हैं, तो यह न केवल अमेरिका-भारत संबंधों को नया आयाम देगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका के “इंडो-पैसिफिक कमिटमेंट” को भी मजबूत करेगा।
अमेरिकी सांसदों की यह अपील न केवल इंडो-पैसिफिक में अमेरिका की प्रतिबद्धता को दोहराती है, बल्कि वैश्विक कूटनीति में भारत के बढ़ते महत्व को भी रेखांकित करती है। क्वाड अब केवल एक सुरक्षा मंच नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक देशों का ऐसा रणनीतिक गठबंधन बन चुका है जो वैश्विक स्थिरता और संतुलन के लिए आवश्यक है।