भारत की राजनीति में इस समय सबसे बड़ा मुद्दा वोट चोरी और मतदाता सूची में गड़बड़ी बन चुका है। विपक्ष लगातार केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगा रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस (PC) को संबोधित किया। यह उनकी दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस थी, जिसमें उन्होंने सबूतों के साथ चुनाव आयोग और सरकार पर निशाना साधा।
अटकलें है कि राहुल आज वोट चोरी के आरोपों पर भाजपा सरकार के खिलाफ नए दावे कर सकते हैं। राहुल ने भाजपा पर चुनाव आयोग की मिलीभगत से बिहार, हरियाणा, कर्नाटक और महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की आरोप लगाया है।
राहुल ने कहा- हाइड्रोजन बम के बाद मोदी चेहरा नहीं दिखा पाएंगे
राहुल गांधी ने 1 सितंबर को, बिहार में अपने वोटर अधिकार यात्रा के आखिरी दिन कहा था- वोट चोरी की सच्चाई पूरे देश को पता लगने वाली है। एटम बम से बड़ा हाइड्रोजन बम होता है, वो आ रहा है। इसके बाद 11 सितंबर को अपने संसदीय क्षेत्र में कहा था, ‘हम वोट चोरी के डायनामिक एक्सप्लोसिव (धमाकेदार) सबूत देंगे।’
सबूतों के साथ पेश हुए राहुल
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने दावा किया कि चुनाव आयोग जानबूझकर कांग्रेस के वोटरों को निशाना बना रहा है। उन्होंने प्रजेंटेशन दिखाते हुए कहा कि कर्नाटक में बड़ी संख्या में कांग्रेस समर्थक मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब कर दिए गए। यही हाल बिहार, हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी देखने को मिला।
विपक्ष का सरकार पर हमला
कांग्रेस का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और चुनाव आयोग मिलकर विपक्षी दलों को नुकसान पहुंचाने के लिए मतदाता सूचियों में हेरफेर कर रहे हैं। पार्टी का कहना है कि यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है, क्योंकि यदि मतदाता का नाम ही सूची से गायब हो जाएगा तो मतदान का अधिकार व्यर्थ हो जाएगा।
बता दें कि, राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से यह साफ हो गया है कि वोट चोरी और मतदाता सूची में हेरफेर अब आने वाले महीनों में भारतीय राजनीति का केंद्रीय मुद्दा बनने वाला है। कांग्रेस इस मामले को जनता तक ले जाकर भाजपा सरकार और चुनाव आयोग पर दबाव बनाने की कोशिश करेगी। वहीं, सत्ता पक्ष और आयोग की ओर से अब तक इन आरोपों का कोई ठोस जवाब नहीं आया है।