मेरठ में सोशल मीडिया से उठने वाला एक और मामला अब कानूनी दायरे में पहुंच गया है। “10 रुपए वाला बिस्कुट कितने का है जी” जैसी वायरल रील के जरिए चर्चा में आए स्थानीय इन्फ्लुएंसर शादाब जकाती इस समय विवादों के घेरे में हैं। कुछ ही दिनों में इंटरनेट पर लाखों व्यूज़ बटोरने वाले इस वीडियो के खिलाफ अब उत्तर प्रदेश पुलिस में शिकायत दर्ज हुई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वीडियो में अश्लीलता को बढ़ावा दिया गया और इसमें एक नाबालिग बच्ची को शामिल किया गया, जिससे गंभीर नैतिक और कानूनी सवाल खड़े हो गए हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस को इस मामले में शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इस वीडियो में अश्लीलता को बढ़ावा दिया गया और इसे बनाने में एक बच्ची को शामिल किया गया। ऐसे आरोप सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके वीडियो के संदर्भ में गंभीर चिंता पैदा कर रहे हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है।
शिकायत का आधार: अश्लीलता और नाबालिग की मौजूदगी
शिकायतकर्ता ने पुलिस से कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि वायरल वीडियो में ऐसी गतिविधियों को दिखाया गया है जो नाबालिगों के हितों के खिलाफ मानी जा सकती हैं। भारत में बाल सुरक्षा कानून (POCSO Act) किसी भी प्रकार की अनुचित, अश्लील या संदिग्ध गतिविधि में बच्चे की उपस्थिति को गंभीर अपराध मानते हैं। भले ही वीडियो में खुली अश्लीलता न हो, लेकिन किसी भी प्रकार के ऐसे इशारों, संवादों या संकेतों का बच्चों के साथ फिल्माए गए कंटेंट में मौजूद होना चिंताजनक माना जाता है।
बता दें कि, यह पूरा विवाद इस बात को उजागर करता है कि सोशल मीडिया की शक्ति जितनी अधिक है, उसकी जिम्मेदारी भी उतनी ही बड़ी है। शादाब जकाती का मामला फिलहाल जांच में है और अंतिम निष्कर्ष पुलिस रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगा। लेकिन इस घटना ने आम लोगों, अभिभावकों और कंटेंट क्रिएटर्स के सामने एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा कर दिया है—
