समाचार मिर्ची

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट राजनीति से लेकर खेल तक, सबकुछ आपको मिलेगा तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

समाचार मिर्ची: सबसे तेज़ खबरें, हर पल ताज़ा विश्वसनीय समाचार, हर नजरिए से सही देश-दुनिया की सबसे ताज़ा खबरें खबरें जो आपको बनाए रखें अपडेट तेज और विश्वसनीय खबरें, बस एक क्लिक दूर हर पल की ताज़ी खबर, बिना किसी झोल के खबरें जो आपको चौंका दें, हर बार जानिए हर अपडेट, सबसे पहले और सबसे सही जहाँ सच्चाई और ताजगी मिलती है

शनि जयंती मंगलवार, 27 मई 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन लाखों श्रद्धालु व्रत, दान और विशेष पूजा के माध्यम से शनि देव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।

बताते चले कि, भारतीय सनातन संस्कृति में शनि देव को कर्मों के अनुसार न्याय करने वाले देवता माना गया है। उन्हें न्यायाधीश और कर्मफलदाता के रूप में विशेष स्थान प्राप्त है। आमतौर पर शनिवार का दिन शनि देव की उपासना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है, लेकिन ज्येष्ठ अमावस्या को शनि जयंती के रूप में विशेष श्रद्धा से मनाया जाता है क्योंकि इसी तिथि को शनि देव का प्राकट्य हुआ था।

शनि जयंती के दिन किसी शनि मंदिर में जाकर पूजा कर सकते हैं. सबसे पहले शनि देव को काला तिल, काली उड़द की दाल, काले चने , पीपल के पत्ते, फूल आदि अर्पित करें और फिर काला वस्त्र चढ़ाएं. भोग में शनि देव को गुलाब जामुन चढ़ाएं और फिर सरसों के तेल में बाती डालकर दीप जलाएं. इसके बाद शनि चालीसा या शनि जन्म कथा का पाठ करें. ध्यान रखें कि पूजा करते समय शनि देव की आंखों में न देखें.

आइए जानें इस पावन अवसर पर क्या हैं शुभ योग, पूजा विधि, सामग्री और दान की महत्ता।
शनि जयंती 2025 के शुभ योग और मुहूर्त

सर्वार्थ सिद्धि योग: प्रातः 05:25 बजे से 05:32 बजे तक

सुकर्मा योग: प्रातः 05:32 बजे के बाद

अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11:51 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक

शनि जयंती 2025 के शुभ योग और मुहूर्त


ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, इस वर्ष शनि जयंती पर ज्येष्ठ अमावस्या तिथि रहेगी जो कि स्नान-दान और पितृ पूजन के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। साथ ही कई विशेष योग भी बन रहे हैं:

सर्वार्थ सिद्धि योग: प्रातः 05:25 बजे से 05:32 बजे तक

सुकर्मा योग: प्रातः 05:32 बजे के बाद

अभिजीत मुहूर्त: प्रातः 11:51 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक


पूजन के लिए शनि देव कोप्रशन करने के लिए भक्क कई तरह से पूजा आर्जना करते हैंपूजा में लिला तिल, सरसों का तेल, काला वस्त्र, काला चना, पीपल के पत्ते, लोहा या स्टील का बर्तन, धूप दीप, गुलाब जामुन, काली उड़द की दाल, नीले रंग का फूल, शमी के पत्ते, मौसमी फल, शनि चालीसा या शनि जयंती के कथा की पुस्तक.

वही, पूजा के बाद स्टील या लोहे के पात्र में सरसों तेल डालकर अपना चेहरा देखें और पात्र समेत यह तेल किसी गरीब को दान कर दें. शनि जयंती के दिन आप काला या नीले वस्त्र, सरसों का तेल, काला तिल, स्टील के बर्तन, काली उड़द, काला छाता, काला चप्पल आदि का दान कर सकते हैं. इससे शनि देव की कृपा मिलेगी और साथ ही कुंडली में चल रहे ग्रह-दोष भी दूर होंगे.

भारत एक पूजा पाठ वाला देश हैंजहां भगवान में लोगों की बहुत आस्था हैंलोगों को ऐसा करने से मन की शांति मिलती हैं विघ्न हरते हैं प्रभू

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version