ढाका बांग्लादेश में हाल के दिनों में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर लगातार हो रही हिंसा की घटनाओं ने पूरे देश और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गहरी चिंता में डाल दिया है। दिसंबर 2025 के महीने में महज छह दिनों के अंतराल में दो हिंदू युवकों की भीड़ द्वारा लिंचिंग की गई है, जिससे हिंदू समुदाय में दहशत का माहौल है। यह घटनाएं अंतरिम सरकार के प्रमुख नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में हो रही हैं, जब देश अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद राजनीतिक अस्थिरता और कानून-व्यवस्था की गंभीर चुनौतियों से जूझ रहा है।
महज छह दिन बाद, 24 दिसंबर 2025 को राजबाड़ी जिले के पंग्शा उपजिला में एक और हिंदू युवक अमृत मंडल (उर्फ सम्राट, 29 वर्ष) की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। पुलिस के अनुसार, यह घटना उगाही (एक्सटॉर्शन) के आरोपों पर हुई। अमृत मंडल को स्थानीय निवासियों ने उगाही मांगने का आरोपी ठहराया और रात करीब 11 बजे होसेंदांगा गांव में हमला कर दिया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन मौत हो गई। पुलिस ने अमृत के एक साथी मोहम्मद सलीम को गिरफ्तार किया और दो हथियार बरामद किए।
इसी बीच, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान 17 साल के निर्वासन के बाद 25 दिसंबर 2025 को ढाका लौटे। उनका स्वागत लाखों समर्थकों ने किया। उन्होंने भाषण में सभी समुदायों (मुस्लिम, हिंदू, बौद्ध, ईसाई) के लिए “सुरक्षित बांग्लादेश” बनाने का वादा किया। उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाए रखने, लोकतंत्र बहाल करने और शांति की अपील की। तारिक ने कहा, “यह बांग्लादेश सभी का है। हम सब मिलकर एक सुरक्षित और समावेशी राष्ट्र बनाएंगे।
शेख हसीना ने क्रिसमस संदेश में यूनुस सरकार पर “गैर-मुस्लिमों पर अत्याचार” का आरोप लगाया और कहा कि “धार्मिक अल्पसंख्यकों को जिंदा जलाने” जैसे अमानवीय कृत्य हो रहे हैं। अंतरिम सरकार ने इन घटनाओं की निंदा की है और अपराधियों को सजा देने का वादा किया है, लेकिन आलोचक कहते हैं कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ गई है और कट्टरपंथी तत्वों को खुली छूट मिल रही है।
