पटना। बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पूरी करने के बाद राज्य के मतदाता सूची का मसौदा जारी कर दिया। एक महीने से अधिक समय तक चली इस व्यापक प्रक्रिया के बाद तैयार किया गया यह प्रारूप राज्य की सियासत में हलचल मचा रहा है। आयोग ने हालांकि कोई संकलित सूची सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन नागरिक निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने नाम की जांच कर सकते हैं।
बिहार में SIR पर पहले ड्राफ्ट के तैयार होने के बाद अब चुनाव आयोग आज शाम साढ़े चार बजे राजनीतिक दलों के साथ बैठक करने जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में पहले ड्राफ्ट के आंकड़ों पर चर्चा की जाएगी। आयोग इस बैठक के दौरान पहले ड्राफ्ट को लेकर तमाम राजनीतिक दलों से उनकी राय भी जानेगा।
1 सितंबर तक अंतिम सूची जारी होगी
निर्वाचन आयोग ने कहा है कि वर्तमान में जारी मसौदा केवल प्रारंभिक सूची है। इस पर राजनीतिक दलों और आम जनता की आपत्तियां और सुझाव प्राप्त करने के बाद 1 सितंबर 2025 को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी। यह सूची आगामी विधानसभा चुनावों में आधार बनेगी। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी नागरिक का नाम इस सूची में दर्ज नहीं है या उसमें कोई त्रुटि है, तो वे समय रहते सुधार करा सकते हैं।
बता दें कि,शुक्रवार को दोपहर तीन बजे के बाद आम नागरिकों के लिए मतदाता सूची ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई। आयोग के अधिकारियों का कहना है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और लोग अपने घर बैठे यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि उनका नाम मतदाता सूची में शामिल है या नहीं। साथ ही, सूची में किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर नागरिक ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
वही, बिहार में SIR प्रक्रिया और मतदाता सूची का मसौदा केवल एक प्रशासनिक कदम नहीं, बल्कि राज्य की सियासत का अहम मुद्दा बन चुका है। जहां एक ओर आयोग लोकतंत्र को मजबूत करने की बात कर रहा है, वहीं विपक्ष इस पर अविश्वास जताते हुए पारदर्शिता की मांग कर रहा है। अब निगाहें 1 सितंबर पर टिकी हैं, जब अंतिम मतदाता सूची जारी होगी और यह तय होगा कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 किस दिशा में आगे बढ़ेगा।