पटना/, बिहार में भूमि से जुड़े लंबित मामलों को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री तथा उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सख्त रुख अपनाया है। मंत्री के निर्देशों के बाद विभिन्न जिलों में दाखिल-खारिज (म्यूटेशन), जमाबंदी सुधार और अन्य राजस्व मामलों की फाइलें तेजी से खुलने लगी हैं। अब जमीन विवादों की सुनवाई थानों के बजाय अंचल कार्यालयों में ही करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है, जिससे आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
गौरतलब हैं कि, डीसीएलआर सदर के यहां 271 म्यूटेशन अपील मामले छह महीने से लंबित थे, वहीं कहलगांव में 1146 और नवगछिया में 501 मामले इसी श्रेणी में थे। अंचलों में कुल 496805 दाखिल-खारिज आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 58.20 प्रतिशत स्वीकृत किए गए, लेकिन 39.04 प्रतिशत अस्वीकृत हो गए। 35 दिनों से 6529 और 75 दिनों से 3887 मामले अभी भी पेंडिंग हैं।
बता दें कि, बिहार सरकार का लक्ष्य है कि 31 दिसंबर तक अधिकतम लंबित मामलों का निपटारा हो। यदि आवश्यक हुआ तो आगे भी ऐसे अभियान चलाए जाएंगे। आम जनता से अपील है कि वे बिहारभूमि पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करें और अंचल कार्यालय में संपर्क बनाए रखें। यह सुधार न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ाएगा, बल्कि भूमि मालिकों के अधिकारों की रक्षा भी करेगा।