भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यहां चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए लगातार सुधार किए जाते रहे हैं। इसी कड़ी में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 ऐतिहासिक साबित होने जा रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने ऐलान किया है कि इस चुनाव से ही देश की चुनाव प्रणाली में 17 बड़े बदलाव लागू किए जाएंगे। ये सुधार बिहार से शुरुआत होकर पूरे देश की चुनावी प्रक्रिया में शामिल किए जाएंगे।
विभिन्न प्रकार के एप्लीकेशन के लिए एक प्लेटफार्म तैयार किया गया है, जिसका नाम है वन स्टाप डिजिटल प्लेटफार्म ईसीआई नेट। इसका प्रोग्रेसिव इंप्लीमेंटेशन अभी जारी है। बिहार में 1200 मतदाताओं पर एक बूथ का गठन किया गया है। अब यह पूरे देश में लागू किया जाएगा। सभी उम्मीदवारों को पोलिंग बूथ के 100 मीटर की दूरी पर पोलिंग स्टेशन लगाने की छूट दी गई है।
लोकतंत्र को और मजबूत बनाने की दिशा
इन 17 सुधारों के जरिए निर्वाचन आयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत की चुनाव प्रणाली केवल मतदान कराने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक पारदर्शी, निष्पक्ष और तकनीकी रूप से उन्नत प्रक्रिया है। बिहार का चुनाव इन सुधारों के लिए प्रयोगशाला की तरह होगा और सफलता के बाद इन्हें पूरे देश में लागू किया जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि लाइव वेबकास्टिंग और वीवीपैट गिनती जैसे कदम चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को अभूतपूर्व स्तर तक ले जाएंगे। वहीं, डिजिटल इंडेक्स कार्ड और तेज़ ईपिक कार्ड वितरण जैसी पहलें मतदाता सुविधा को बढ़ाएंगी।
चुनाव आयोग का दृष्टिकोण
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “हमारा लक्ष्य केवल चुनाव संपन्न कराना नहीं, बल्कि मतदाताओं के विश्वास और पारदर्शिता को उच्चतम स्तर पर सुनिश्चित करना है। बिहार से जो शुरुआत हो रही है, वह भविष्य के हर चुनाव को और बेहतर बनाएगी।”
बता दें कि, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सिर्फ एक राज्य का चुनाव नहीं है, बल्कि यह भारत की चुनाव प्रणाली में नए युग की शुरुआत है। इन 17 सुधारों से न केवल मतदाताओं का भरोसा मजबूत होगा बल्कि भारत का लोकतंत्र और अधिक पारदर्शी और मजबूत बनेगा।
