पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का आखिरकार चुनाव आयोग ने एलान कर दिया है। इस घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct – MCC) भी लागू हो गई है। चुनाव आयोग के मुताबिक, 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा जबकि 14 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। इस बार कुल 7,41,92,357 मतदाता पंजीकृत हैं जो लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी भागीदारी देंगे।
आदर्श आचार संहिता राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों के मार्गदर्शन के लिए निर्धारित किए गए मानकों का एक ऐसा समूह है जिसे राजनैतिक दलों की सहमति से तैयार किया गया है। आदर्श आचार संहिता में चुनाव आयोग की भूमिका अहम होती है। संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन संसद और राज्य विधानमंडलों के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनावों का आयोजन चुनाव आयोग का सांविधिक कर्तव्य है।
आदर्श आचार संहिता की प्रमुख विशेषताएं
- राजनीतिक दल और उम्मीदवार:
- कोई भी पार्टी धर्म, जाति, भाषा या क्षेत्रीय पहचान के आधार पर वोट नहीं मांगेगी।
- व्यक्तिगत हमले और अपमानजनक बयानबाजी पर रोक है।
- चुनाव प्रचार में शालीन और मर्यादित भाषा का प्रयोग आवश्यक है।
- सरकारी मशीनरी का उपयोग:
- किसी भी मंत्री या सत्ताधारी दल का उम्मीदवार सरकारी गाड़ी, विमान या सरकारी धन का उपयोग प्रचार के लिए नहीं कर सकता।
- सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रचार से पूरी तरह अलग रहते हैं।
- किसी भी सरकारी परियोजना की घोषणा, शिलान्यास या उद्घाटन MCC लागू होने के बाद नहीं किया जा सकता।
- चुनावी प्रचार और बैठकें:
- सभाओं और रैलियों के आयोजन के लिए स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य है।
- लाउडस्पीकर, पोस्टर और विज्ञापनों पर नियम लागू होते हैं।
- मतदान वाले दिन से 48 घंटे पहले किसी भी प्रकार का प्रचार पूरी तरह प्रतिबंधित है।
बता दं कि, बिहार चुनाव 2025 के साथ ही एक बार फिर आदर्श आचार संहिता चर्चा में है। यह लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है और चुनाव को ईमानदार और पारदर्शी बनाने का सबसे महत्वपूर्ण साधन। अब देखना यह होगा कि आगामी नवंबर में होने वाले चुनावों के दौरान राजनीतिक दल कितनी ईमानदारी से इस संहिता का पालन करते हैं और आयोग कितनी सख्ती से इसे लागू कराता है।
