राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रहा है। इस अवसर पर देशभर में उत्साह का माहौल है। संघ की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। अब 2025 में यह संगठन अपनी शताब्दी का पर्व मना रहा है।
य स्वयंसेवक संघ के शताब्दी समारोह से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने इस हिंदू संगठन के सरसंघचालक मोहन भागवत और ‘स्वयंसेवकों’ को बधाई देते हुए कहा कि संघ को भारत की प्रगति के लिए अगले सौ वर्षों तक राष्ट्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
संघ की भूमिका पर कांग्रेस नेता का दृष्टिकोण
डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि भारत को वैश्विक स्तर पर एक प्रगतिशील राष्ट्र के रूप में उभरने के लिए मजबूत सामाजिक और नैतिक आधार की आवश्यकता है। उन्होंने RSS से आग्रह किया कि वह केवल राजनीतिक या संगठनात्मक विस्तार पर ही नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक मूल्यों और सदाचार को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करे।
बता दें कि, डॉ. कर्ण सिंह का यह संदेश संघ की मूल विचारधारा – “राष्ट्र सर्वोपरि” – को और मजबूती देता है। RSS हमेशा से यह मानता आया है कि समाज का उत्थान केवल शिक्षा, सेवा और संस्कृति के संरक्षण से संभव है। चरित्र निर्माण पर जोर देते हुए संघ का कहना है कि यदि व्यक्ति नैतिक और सदाचारी होगा, तो समाज और राष्ट्र अपने आप प्रगति करेगा। इसी विचार को डॉ. कर्ण सिंह ने भी अपने संदेश में दोहराया।