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नई दिल्ली दिल्ली में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण ने एक बार फिर आपातकालीन स्थिति पैदा कर दी है। 24 दिसंबर 2025 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस गंभीर समस्या पर गहरी चिंता जताई और केंद्र सरकार से सवाल किया कि अगर शुद्ध हवा उपलब्ध नहीं करा पा रही है तो कम से कम एयर प्यूरीफायर पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत क्यों नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने प्रदूषण को “आपातकालीन स्थिति” करार देते हुए कहा कि एयर प्यूरीफायर अब विलासिता की वस्तु नहीं, बल्कि जीवन रक्षा के लिए आवश्यक उपकरण हैं।

गौरतलब हैं कि, कोर्ट ने प्रदूषण के मुद्दे पर अधिकारियों द्वारा कुछ भी प्रभावी न करने पर गहरी चिंता व्यक्त की। बेंच ने पूछा कि जीएसटी परिषद कब बैठक करेगी और सरकार निर्देश लेकर कब वापस आएगी। मामले को अनुपालन के लिए अवकाशकालीन पीठ के समक्ष रखने की बात कही गई। यह सुनवाई दिल्ली-एनसीआर में AQI के ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के बीच हुई, जहां 23 दिसंबर को AQI 415 तक पहुंच गया था और 24 दिसंबर को सुबह 336 दर्ज किया गया, जो अभी भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।

बता दें कि, दिल्ली का प्रदूषण संकट न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि सामाजिक-आर्थिक मुद्दा भी बन चुका है। कोर्ट की यह सुनवाई उम्मीद जगाती है कि सरकार जल्द ही कार्रवाई करेगी। दिल्लीवासियों को शुद्ध हवा का अधिकार है, और यह अधिकार अब कानूनी चुनौती के रूप में सामने है।

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