कर्नाटक की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर बढ़ती खींचतान ने सियासी गलियारों में नई हलचल पैदा कर दी है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चर्चा पिछले कई महीनों से चल रही थी, लेकिन बुधवार को सिद्धरमैया के ताज़ा बयान ने इन अटकलों को और तेज कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया कि वे न केवल पद छोड़ने के मूड में नहीं हैं, बल्कि अगला राज्य बजट भी वही पेश करेंगे, जिससे शिवकुमार खेमे में बेचैनी बढ़ना तय है।
उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने कहा, “मैं हमेशा के लिए यह पोस्ट अपने पास नहीं रख सकता। पहले ही 5.5 साल हो चुके हैं, और मार्च में 6 साल हो जाएंगे। अब दूसरों को मौका दिया जाना चाहिए, लेकिन मैं लीडरशिप में रहूंगा। चिंता मत करो, मैं फ्रंटलाइन पर बना रहूंगा।”
सिद्धरमैया का बड़ा बयान—“मैं 17वां बजट पेश करूंगा”
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया बुधवार को एलजी हवानूर की गोल्डन जुबली के मौके पर संबोधित कर रहे थे। यह समारोह पहली पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट जमा होने की 50वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए आयोजित किया गया था। इसी मंच पर उन्होंने अपने अनुभवों का जिक्र करते हुए अगले वर्ष के बजट को लेकर बड़ा बयान दिया।
बता दें कि, कर्नाटक में कांग्रेस की सत्ता बने हुए अभी एक साल से कम समय हुआ है, लेकिन नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा ने सरकार की स्थिरता को लगातार सवालों के घेरे में रखा है। सिद्धरमैया का बयान स्पष्ट संकेत देता है कि फिलहाल नेतृत्व परिवर्तन की संभावना कम है। लेकिन क्या शिवकुमार खेमे का दबाव आगे चलकर राजनीति की दिशा बदलेगा? यह आने वाले महीनों में तय होगा। एक बात तय है—कर्नाटक की राजनीति आने वाले समय में और दिलचस्प होने वाली है, क्योंकि सत्ता के केंद्र में दो ताकतवर नेताओं का संघर्ष जारी है।
