मुंबई, महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए नए सोशल मीडिया दिशानिर्देश (Social Media Guidelines) जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों के अनुसार, कोई भी कर्मचारी अब राज्य सरकार या देश की किसी भी अन्य सरकार की मौजूदा या पूर्व नीतियों की आलोचना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नहीं कर सकेगा
एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में यह भी कहा गया है कि कर्मचारियों को व्यक्तिगत और आधिकारिक उपयोग के लिए सोशल मीडिया पर अलग-अलग अकाउंट रखने होंगे।
आलोचना पर सख्त रोक
नए नियमों के तहत, सरकारी कर्मचारियों को यह स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित किया गया है कि वे फेसबुक, ट्विटर (एक्स), इंस्टाग्राम, यूट्यूब या किसी अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सरकार की नीतियों पर सवाल नहीं उठाएंगे, न ही उनकी आलोचना करेंगे।
इस कदम का सीधा उद्देश्य यह है कि सरकारी कर्मचारी सार्वजनिक मंचों पर सरकार की छवि को नुकसान न पहुँचाएँ और अनुशासनहीनता न फैले।
महाराष्ट्र सरकार का यह कदम प्रशासनिक अनुशासन को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। हालांकि, इसने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के बुनियादी मूल्यों पर एक नई बहस को जन्म दिया है। अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में यह नियम किस हद तक लागू हो पाता है और क्या सरकार को कर्मचारियों और नागरिक समाज की आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है या यह कदम प्रशासनिक व्यवस्था को और सुदृढ़ करता है।