अब जरा सोचिए की जनता जब किसी नेता को चुनकर विधानसभा जैसी जिम्मेदार जगह पर भेजता है ताकि वो जनता के लिए नीतिया बना सकें। मगर हैरानी तो तब होती है जब ऐसे लोग उसी विधानसभा में बैठकर मोबाइल पर गेम खेलते हैं… और हद तो तब जब सरकार भी ऐसे लोगों को सजा ने देते हुए उसे कृषि विभाग छिनकर खेल विभाग दे देती है।
मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों एक नया विवाद सुर्खियों में है। राज्य सरकार के मंत्री और अब तक कृषि विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे माणिकराव कोकाटे को उनके विभाग से हटा दिया गया है। उन्हें अब खेल मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह फैसला उस समय लिया गया जब विधानसभा के सत्र के दौरान उनका रमी खेलते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो के सामने आने के बाद विपक्ष ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों और जनता के भरोसे के साथ खिलवाड़ करार देते हुए कड़ी आलोचना की। उनका मानना है कि आम जनता को धोखा देने वाला काम सरकार की ओर से किया गया है। ऐसे गैर जिम्मेदार व्यक्ति को सजा देनी थी।
महाराष्ट्र सरकार में कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे का विभाग बदल दिया गया है। इस संबंध में एक आदेश भी जारी किया गया है। माणिकराव कोकाटे उस समय चर्चा में आए थे, जब विधानसभा में रमी खेलते हुए उनका एक वीडियो वायरल हुआ था।
वीडियो सामने आने के बाद विपक्ष के नेताओं ने उनकी आलोचना की थी। इसके बाद राज्य में आरोप-प्रत्यारोप का दौर देखने को मिला था।
कैसे सामने आया विवाद?
दरअसल पूरा मामला पिछले हफ्तेका है जब महाराष्ट्र विधानसभा के सत्र के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे अपने मोबाइल पर रमी खेलते नजर आ रहे थे। विपक्षी दलों ने तुरंत इस वीडियो को साझा करते हुए सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जब राज्य के किसान कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं — सूखा, बढ़ती लागत, फसल बीमा की समस्याएं और बाजार में दाम गिरने की चिंता — तब कृषि मंत्री को विधानसभा में ताश खेलने का वक्त कैसे मिल सकता है?
वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष ने माणिकराव कोकाटे को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की। कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) ने कहा कि यह घटना महाराष्ट्र की राजनीति के लिए शर्मनाक है। कांग्रेस नेता ने तीखा तंज कसते हुए कहा, “जब राज्य का किसान आत्महत्या कर रहा है, मंत्री साहब विधानसभा में ताश खेल रहे हैं। यही है सरकार की प्राथमिकता।”
ये बात किसी से छिपी नहीं है कि महाराष्ट्र पर किसान आत्महत्या के मामलों का एक अमिट दाग लगा है लगातार किसान आए दिन अपनी आवाज बुलंद करते हैं। मगर ऐसे वक्त में जब वाकई प्रदेश में किसानों की स्थिति बदतर है और प्रदेश का कृषि मंत्री विधानसभा में रमी खेलकर टाइमपास कर रहा है। ये बात तो महाराष्ट्र के किसी भी व्यक्ति को हजम नहीं होगी। इतना ही नहीं सरकार बजाए उसे सजा देने के उसे खेल विभाग देकर मनोबल बढ़ाती है कि शाबाश अच्छा किया है अब खेल विभाग संभालो।