वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब हम उन वस्तुओं को प्राथमिकता देंगे, जिन्हें बनाने में किसी भारतीय का पसीना शामिल हो।
पीएम नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले सावन माह में बाबा विश्वनाथ और मारकंडेय महादेव के दर्शन की इच्छा का जिक्र किया और मंच से ही मां गंगा और बाबा विश्वनाथ को नमन किया। कहा कि आपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार काशी आया हूं। पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई। उनके पीड़ित परिवारों की वेदना से मन व्यथित था। काशी के मेरे मालिकों अपनी बेटियों के सिंदूर का बदला लेने का मैंने जो वचन दिया था उसे पूरा किया। यह महादेव के आशीर्वाद से ही संभव हुआ। मैं आपरेशन सिंदूर की सफलता को उनके चरणों में समर्पित करता हूं।
तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह
प्रधानमंत्री ने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि भारत बहुत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें स्थानीय उत्पादों पर भरोसा जताना होगा और भारतीय उद्योगों को प्राथमिकता देनी होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संदेश स्पष्ट है कि भारत की प्रगति का मार्ग आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उत्पादों को अपनाने से ही प्रशस्त होगा। उनके भाषण ने न केवल आर्थिक दिशा दिखाई, बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं को भी जोड़ा। मोदी का यह संकल्प—”अब हम वही वस्तुएं खरीदेंगे, जिसे बनाने में किसी भारतीय का पसीना बहा है”—भारत को न सिर्फ आर्थिक दृष्टि से मजबूत बनाएगा, बल्कि प्रत्येक भारतीय को आत्मगौरव और आत्मनिर्भरता का अनुभव भी कराएगा।