नेपाल एक बार फिर हिंसक प्रदर्शनों की आग में झुलस रहा है। राजधानी काठमांडू और आसपास के जिलों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई है। हालात इतने बिगड़ गए कि प्रशासन ने अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया, बावजूद इसके प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने मंत्रियों, पूर्व प्रधानमंत्रियों और यहां तक कि केंद्रीय बैंक के गवर्नर के घरों पर भी हमला किया।
पाल में बिगड़ रहे हैं हालात
नेपाल में चल रहे बवाल के बीच मंत्रियों के इस्तीफा देने का सिलसिला जारी है। नेपाल के गृहमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और कृषि मंत्री अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं। इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने देश के संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरंग के घर पर हमला बोल दिया है। इस बीच सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पुष्प कमल दहल (प्रचंड) जो वर्तमान में विपक्ष के नेता के रूप में कार्यरत हैं, उनके घर पर भी हमला किया गया है।
छात्र क्यों कर रहे हैं विरोध?
इस आंदोलन में छात्रों की भागीदारी सबसे ज्यादा है। सोशल मीडिया पर भी छात्रों की बड़ी संख्या में पोस्ट वायरल हो रही हैं, जिसमें वे सरकार के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। वे सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। ‘‘छात्रों को मत मारो’’ जैसे नारे यह दर्शाते हैं कि आंदोलन में कई जगह पुलिस की सख्ती और बल प्रयोग हुआ है।
बता दें कि, नेपाल में भड़की यह हिंसा केवल एक प्रदर्शन भर नहीं है, बल्कि यह देश की गहराती राजनीतिक अस्थिरता और जनता के असंतोष का प्रतीक है। मंत्रियों के इस्तीफे, नेताओं के घरों पर हमले और छात्रों की बढ़ती भागीदारी इस बात का संकेत हैं कि संकट गहराता जा रहा है। आने वाले दिनों में नेपाल सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी – जनता का भरोसा बहाल करना और देश में शांति स्थापित करना।