नूंह (मेवात)।हरियाणा के नूंह जिले से एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला सामने आया है। जिले के कांगरका गांव निवासी तोफिक नामक युवक को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह नूंह में इस प्रकार का दूसरा मामला है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।
पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारियों से था संपर्क
सूत्रों के अनुसार, तोफिक पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत कर्मचारियों आसिफ बलोच और जाफर के संपर्क में था। आरोप है कि वह इन अधिकारियों को संवेदनशील जानकारी मुहैया करा रहा था। पुलिस ने तोफिक के पास से मोबाइल फोन और कई सिम कार्ड बरामद किए हैं, जिनसे वह संदिग्ध बातचीत किया करता था।
जांच में सामने आया है कि ये सिम कार्ड और मोबाइल फोन उसके जासूसी नेटवर्क के अहम उपकरण थे। प्राथमिक पूछताछ में वह इस बात को स्वीकार चुका है कि वह भारत से जुड़ी गोपनीय जानकारियों को पाक उच्चायोग तक पहुंचा रहा था।
थाना सदर तावडू में दर्ज हुआ मामला
इस पूरे मामले की जांच तावडू स्थित सदर थाना कर रहा है। पुलिस ने तोफिक समेत तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश करने की तैयारी कर ली है, जिससे उसकी रिमांड लेकर आगे की पूछताछ की जा सके। जांच एजेंसियों का मानना है कि तोफिक से पूछताछ के दौरान कई और नाम उजागर हो सकते हैं, जो देश के भीतर सक्रिय जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं।
इस पूरे मामले की जांच तावडू स्थित सदर थाना कर रहा है। पुलिस ने तोफिक समेत तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश करने की तैयारी कर ली है, जिससे उसकी रिमांड लेकर आगे की पूछताछ की जा सके। जांच एजेंसियों का मानना है कि तोफिक से पूछताछ के दौरान कई और नाम उजागर हो सकते हैं, जो देश के भीतर सक्रिय जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं।
पहले भी हो चुकी है जासूसी के आरोप में गिरफ्तारी
यह नूंह जिले में जासूसी का दूसरा मामला है। इससे पहले, जिले के राजाका गांव के रहने वाले अरमान को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस मामले की जांच अभी भी जारी है। दोनों मामलों में समानता यह है कि आरोपी पाकिस्तान के उच्चायोग से जुड़े लोगों के संपर्क में थे और मोबाइल फोन के माध्यम से जानकारी साझा कर रहे थे।
क्या कहती हैं जांच एजेंसियां?
जांच एजेंसियों का कहना है कि यह एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है, जिसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों की भूमिका भी सामने आ सकती है। भारत में ऐसे कई मामलों में पहले भी पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारियों की भूमिका सामने आ चुकी है, जो ‘राजनयिक कवच’ के पीछे रहकर जासूसी गतिविधियों को संचालित करते हैं।
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह नेटवर्क भारत के संवेदनशील इलाकों, रक्षा प्रतिष्ठानों, और सामरिक महत्व के ठिकानों की जानकारी जुटाने के कार्य में लिप्त हो सकता है।
कोर्ट में होगी पेशी, रिमांड से खुल सकते हैं कई राज
रविवार को गिरफ्तार किए गए तोफिक को सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा। अदालत से पुलिस उसकी रिमांड की मांग करेगी ताकि उससे विस्तार से पूछताछ की जा सके। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ में उसके पाकिस्तानी आकाओं के साथ हुई बातचीत, संभावित वित्तीय लेनदेन और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पूरी साजिश का पर्दाफाश किया जा सकेगा।
स्थानीय लोगों में चिंता, प्रशासन अलर्ट
कांगरका गांव और आसपास के इलाकों में इस गिरफ्तारी के बाद हड़कंप की स्थिति है। ग्रामीणों को यह जानकर हैरानी हो रही है कि उनका एक पड़ोसी देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त था। वहीं, जिला प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है।
पुलिस ने ग्रामीणों से अपील की है कि यदि किसी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति की जानकारी हो, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। साथ ही, साइबर क्राइम व तकनीकी निगरानी भी सख्त कर दी गई है।
भारत में लगातार बढ़ रहे हैं जासूसी के मामले
पिछले कुछ वर्षों में भारत में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के कई मामले सामने आए हैं। इनमें सेना, रेलवे, टेलीकॉम, और अन्य संवेदनशील संस्थानों से जुड़े लोग शामिल रहे हैं। इन मामलों में आमतौर पर सोशल मीडिया, फर्जी पहचान, और लालच देकर जानकारी हासिल की जाती है।
नूंह में सामने आया ताजा मामला इस बात का प्रमाण है कि देश के छोटे गांवों और पिछड़े इलाकों तक जासूसी नेटवर्क फैल चुका है, जहां के लोग आर्थिक या अन्य दबावों में आकर देश विरोधी ताकतों के हाथों इस्तेमाल हो रहे हैं।