नई दिल्ली देश के करोड़ों किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता का स्रोत बनी हुई है। इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपये की सहायता तीन समान किस्तों में 2,000-2,000 रुपये के रूप में सीधे उनके बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से प्रदान की जाती है। 2019 में शुरू हुई यह योजना अब तक लाखों किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सफल रही है।
हालांकि, दिसंबर 2025 में इस योजना से जुड़ी एक महत्वपूर्ण अपडेट आई है, जिसके अनुसार फार्मर आईडी (Farmer ID) या किसान पहचान पत्र (Kisan Pehchan Patra) का महत्व काफी बढ़ गया है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी जानकारी और विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब कई राज्यों में नए आवेदकों के लिए फार्मर आईडी प्राप्त करना अनिवार्य हो गया है। बिना इस आईडी के नए रजिस्ट्रेशन संभव नहीं हैं और पुराने लाभार्थियों के लिए भी आगामी किस्तों में देरी या रुकावट की संभावना व्यक्त की जा रही है।
किन राज्यों में फार्मर आईडी अनिवार्य है?
जनवरी 2025 से केंद्र सरकार ने 10-14 प्रमुख कृषि प्रधान राज्यों में नए आवेदकों के लिए फार्मर आईडी को अनिवार्य कर दिया है। इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, असम आदि शामिल हैं। इन राज्यों में नए रजिस्ट्रेशन के लिए फार्मर आईडी के बिना पीएम किसान योजना में शामिल होना संभव नहीं है। अन्य राज्यों में यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है। पुराने लाभार्थियों के लिए अभी यह पूरी तरह अनिवार्य नहीं है ।
सुझाव और सावधानियां
बता दें कि, सबसे पहले pmkisan.gov.in पर जाकर अपना बेनिफिशियरी स्टेटस चेक करें। यदि आप पहले से लाभार्थी हैं, तो eKYC (OTP या बायोमेट्रिक) पूरा करें। फार्मर आईडी राज्य-विशेष है, इसलिए अपने राज्य के कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या CSC से नवीनतम जानकारी कन्फर्म करें। भूमि रिकॉर्ड में कोई त्रुटि हो तो पहले राजस्व विभाग से सुधार करवाएं। यह बदलाव किसानों के हित में है, क्योंकि इससे लाभ की प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और सुरक्षित होगी। सरकार का लक्ष्य है कि 2025-26 तक करोड़ों किसानों को यह आईडी प्रदान की जाए।
