अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि में प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ एक भव्य उत्सव के रूप में मनाई जा रही है। यह समारोह ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के नाम से जाना जाएगा, जो हिंदू पंचांग के अनुसार पौष शुक्ल द्वादशी तिथि पर पड़ रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा मूल रूप से 22 जनवरी 2024 को हुई थी, लेकिन भारत में सभी पर्व-त्योहार पंचांग के आधार पर मनाए जाते हैं।
बता दें कि, अनुष्ठान और धार्मिक कार्यक्रमों की शुरुआत27 दिसंबर से अनुष्ठान शुरू हो रहे हैं। इस दौरान पेजावार मठ के स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी अयोध्या और दक्षिण भारत के 108 वैदिक आचार्यों के साथ मंडल पूजन करेंगे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी इस अवसर पर शामिल होंगे। दूसरी पाली में भगवान की उत्सव मूर्ति की पालकी यात्रा निकाली जाएगी, जो भक्तों में उत्साह का संचार करेगी।29 दिसंबर से रामचरितमानस का संगीतमय अखंड पाठ शुरू होगा।
जानकारी दे दें कि, 31 दिसंबर को मुख्य आयोजन होगा। सुबह रामचरितमानस पाठ जारी रहेगा। दोपहर करीब 1 बजे अंगद टीला पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संबोधन देंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे। दोनों नेता मुख्य अनुष्ठान में भाग लेंगे, जिसमें मंदिर परिसर के सात उप-मंदिरों (शिव, सूर्य, गणपति, हनुमान, भगवती, अन्नपूर्णा और शेषावतार) के शिखरों पर ध्वज वंदन होगा। यह ध्वज फहराना मंदिर की पूर्णता और पवित्रता का प्रतीक है।
गौरतलब हैं कि, 1 जनवरी को अनूप जलोटा रामकथा पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगे। फिरोजाबाद का मयूरी डांस ग्रुप और गायिका तृप्ति शाक्य शाम 6 बजे से 9 बजे तक अपनी प्रस्तुति देंगे। ये कार्यक्रम भजन, नृत्य और संगीत से भरे होंगे।2 जनवरी को सुरेश वाडेकर और संजोली पांडे भगवान श्रीराम की शक्ति पूजा प्रस्तुत करेंगे। शाम 6 बजे से 9 बजे तक शालिनी चतुर्वेदी का कार्यक्रम होगा। इन प्रस्तुतियों में प्रसिद्ध गायक और वादक शामिल होंगे, जो राम भक्ति को संगीत के माध्यम से व्यक्त करेंगे।
