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अमेरिका की एक अपील कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ज्यादातर टैरिफ को गैर-कानूनी करार दिया है। अदालत ने साफ कहा कि ट्रम्प ने 2017 में इमरजेंसी पावर्स के तहत जो आयात शुल्क लगाए थे, वे उनके कानूनी अधिकार से बाहर थे। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी राष्ट्रपति के पास हर आयात पर मनमाने तरीके से टैरिफ लगाने की असीमित शक्ति नहीं है।

ट्रम्प प्रशासन ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है, जो 27 अगस्त से लागू हो गया है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के मुताबिक, यह नया टैरिफ भारत के लगभग ₹5.4 लाख करोड़ के एक्सपोर्ट को प्रभावित कर सकता है।

50% टैरिफ से अमेरिका में बिकने वाले कपड़े, जेम्स-ज्वेलरी, फर्नीचर, सी फूड जैसे भारतीय प्रोडक्ट्स महंगे हो जाएंगे। इससे इनकी मांग में 70% की कमी आ सकती है। चीन, वियतनाम और मेक्सिको जैसे कम टैरिफ वाले देश इन सामानों को सस्ते दाम पर बेचेंगे। इससे भारतीय कंपनियों की अमेरिकी बाजार में हिस्सेदारी कम होगी।

भारत पर असर: 50% टैरिफ से निर्यात को बड़ा झटका

ट्रम्प प्रशासन ने भारत पर भी बड़ा टैरिफ लगाया है। 27 अगस्त से लागू हुए इस 50% आयात शुल्क का सीधा असर भारतीय निर्यातकों पर पड़ने वाला है।

यह फैसला वैश्विक व्यापार पर गहरा असर डाल सकता है। भारत समेत कई देशों के निर्यातक इसे राहत के रूप में देख रहे हैं, जबकि अमेरिकी चुनावी राजनीति में यह मुद्दा और भी गर्म हो गया है बता दें कि, ट्रम्प इस समय 2024 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान में हैं और “अमेरिका फर्स्ट” नीति को फिर से प्रचारित कर रहे हैं। ऐसे में अदालत का यह फैसला उनके लिए राजनीतिक चुनौती साबित हो सकता है।

अमेरिकी अपील कोर्ट का यह फैसला अंतरराष्ट्रीय व्यापार और अमेरिकी राजनीति दोनों के लिए ऐतिहासिक है। इससे एक ओर यह संदेश गया कि राष्ट्रपति की शक्तियां सीमित हैं और कानून के दायरे में रहकर ही नीतियां बन सकती हैं, वहीं दूसरी ओर इससे भारत जैसे देशों को राहत की उम्मीद भी जगी है।

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