वॉशिंगटन .। अमेरिका में एक बार फिर सरकारी शटडाउन लागू हो गया है, जिससे लाखों कर्मचारी प्रभावित हुए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प लगातार दूसरे दिन भी सरकार के लिए जरूरी फंडिंग बिल को सीनेट से पास कराने में नाकाम रहे। इसके चलते करीब साढ़े 7 लाख (750,000) सरकारी कर्मचारियों को जबरन छुट्टी (फरलो) पर भेज दिया गया है। बता दें कि, इनमें से लगभग 3 लाख कर्मचारियों की स्थायी छंटनी भी हो सकती है। बुधवार को फंडिंग बिल पर दूसरी बार वोटिंग हुई। बिल के समर्थन में एक बार फिर से 55 और विरोध में 45 वोट पड़े। इसे पास कराने के लिए 60 वोटों की जरूरत थी।
शटडाउन के पीछे केवल फंडिंग बिल की विफलता ही नहीं बल्कि राजनीतिक टकराव भी है। डेमोक्रेट्स चाहते हैं कि बिल में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी अतिरिक्त मांगें शामिल की जाएं। उनका कहना है कि सरकार को स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट आवंटन बढ़ाना चाहिए, ताकि आम नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। वहीं, रिपब्लिकन का आरोप है कि डेमोक्रेट्स की ये मांगें बिल को अनावश्यक रूप से जटिल बना रही हैं और यही वजह है कि बजट पास नहीं हो पा रहा।
बता दें कि, अमेरिका का यह शटडाउन केवल बजट पास न होने की समस्या नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक दलों के बीच गहरी खींचतान और अविश्वास का प्रतीक है। लाखों कर्मचारी और नागरिक इस खींचतान की कीमत चुका रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या राष्ट्रपति ट्रम्प और उनकी पार्टी विपक्ष को मनाने में सफल होती है या यह संकट और गहराता है।