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नई दिल्ली। राउज एवेन्यू कोर्ट ने आज कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को नोटिस जारी कर दिया। मामला करीब 45 साल पुराना है। आरोप है कि 1980-81 में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में उनका नाम उस समय जोड़ा गया था, जब वो अभी भारतीय नागरिक भी नहीं बनी थीं।

याचिका विकास त्रिपाठी नाम के शख्स ने दाखिल की है। उनका दावा है कि सोनिया गांधी को अप्रैल 1983 में भारतीय नागरिकता मिली थी, लेकिन उससे तीन साल पहले यानी 1980 में ही उनका नाम पोलिंग बूथ नंबर 145 की लिस्ट में क्रमांक 388 पर डाल दिया गया। बाद में 1982 में नाम हटाया गया और 1983 में नागरिकता मिलते ही दोबारा जोड़ा गया। याचिकाकर्ता का कहना है कि इसके लिए गलत या फर्जी दस्तावेज़ इस्तेमाल किए गए होंगे।

साल 2024 में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इसी शिकायत को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि वोटर लिस्ट और नागरिकता जैसे मामले आपराधिक शिकायत से नहीं निपटाए जा सकते, इसके लिए चुनाव आयोग या केंद्र सरकार के पास जाना चाहिए। लेकिन अब सत्र न्यायाधीश ने पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए सोनिया गांधी और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर दिया है। दोनों से 6 जनवरी 2026 तक लिखित जवाब माँगा गया है।

कांग्रेस ने इसे पुराना और राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, “सोनिया गांधी ने पाँच दशक से ज्यादा समय इस देश को दिया है। उनकी नागरिकता और योगदान पर सवाल उठाना हास्यास्पद है। ये सिर्फ़ ध्यान भटकाने की कोशिश है।”

दूसरी तरफ बीजेपी ने कहा कि कोर्ट ने जो नोटिस जारी किया है, वो कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है और किसी को कानून से ऊपर नहीं माना जा सकता।

फिलहाल मामला अभी शुरुआती चरण में है। 6 जनवरी को होने वाली सुनवाई में ये साफ होगा कि कोर्ट याचिका को आगे बढ़ाता है या फिर इसे खारिज कर देता है। तब तक यह पुराना विवाद एक बार फिर सुर्खियों में बना रहेगा।

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