नई दिल्ली/। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में स्थित विश्व प्रसिद्ध बोंडी बीच पर 14 दिसंबर 2025 को हुआ आतंकी हमला पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया। यह हमला यहूदी समुदाय के हनुक्का त्योहार (चानुका बाय द सी) के जश्न के दौरान किया गया, जिसमें कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग घायल हो गए। ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने इसे आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट) की विचारधारा से प्रेरित आतंकवादी हमला करार दिया है। हमलावरों की पहचान 50 वर्षीय साजिद अकरम और उनके 24 वर्षीय बेटे नवीद अकरम के रूप में हुई है।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने इस हमले को “नफरत की विचारधारा से प्रेरित शुद्ध बुराई” बताया और कहा कि यह यहूदी समुदाय को डराने के लिए किया गया। न्यू साउथ वेल्स पुलिस कमिश्नर माल लैन्यन ने पुष्टि की कि हमलावरों की कार से दो घरेलू आईएसआईएस झंडे और एक इंप्रोवाइज्ड विस्फोटक उपकरण बरामद हुआ है। संघीय पुलिस कमिश्नर क्रिसी बैरेट ने स्पष्ट कहा कि यह आईएसआईएस से प्रेरित आतंकवादी हमला था, न कि किसी धर्म से जुड़ा।
तेलंगाना पुलिस के अनुसार, साजिद का भारत में कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद उसका परिवार से संपर्क बहुत सीमित रहा। 27 वर्षों में वह केवल छह बार भारत आया, मुख्य रूप से संपत्ति संबंधी मामलों के लिए। आखिरी बार वह 2022 में भारत आया था। सबसे दुखद बात यह कि 2009 में उसके पिता (सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त अधिकारी) की मौत हुई, तब भी वह अंतिम संस्कार में शामिल होने भारत नहीं आया। उसका बड़ा भाई डॉक्टर है और परिवार मध्यमवर्गीय मुस्लिम समुदाय से है।
यह हमला ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में हाल के दशकों की सबसे भयावह घटनाओं में से एक है। जांच जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही सभी पहलुओं का पता चल जाएगा। पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
