राजगढ़।कहते हैं जिसके मन में कुछ पाने का जज्बा हो तो उसके लिए कठिन रास्ते भी आसान हो जाते हैं। सफलता भी उसी को मिलती है जिनमें कुछ पाने की लालसा होती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है मध्यप्रदेश की रहने वाली 25 वर्ष की तान्या डागा ने। तान्या ने भले ही अपना एक पैर खो दिया है लेकिन इस कमजोरी को हावी नहीं होने दिया और एक पैर से साइकल चला कर जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सफर महज 42 दिनों में पूरा कर लिया। तान्या के इस कीर्तिमान पर देश के लोगों को गर्व हो रहा है और वो तान्या के जज्बे को सलाम भी कर रहे हैं।
2018 में खो दिया एक पैर
मध्यप्रदेश के राजगढ़ के ब्यावरा की रहने वाली तान्या डागा ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि साल 2018 में एमबीए की पढ़ाई के दौरान एक कार की टक्कर में उनका एक पैर कट गया। जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए देहरादून से इंदौर लाया गया। जहां दो सर्जरी हुईं लेकिन जिंदा रहने की गारंटी कोई डॉक्टर नहीं दे रहा था। इसके बाद तान्या को दिल्ली रेफर किया गया। जहां पर उसे हर सर्जरी पर 3000 टांके लगे और 6 महीने तक इलाज चला।
हादसे के बाद एक पैर से सायकल चलाना सीखा
एक पैर गंवाने के बाद तान्या आदित्य मेहता फाउंडेशन से जुड़ीं और एक पैर से साइकिलिंग शुरू की। शुरुआत में कई बार पैर से खून आने लगता था। इसके बाद भी तान्या ने 100 किलोमीटर साइकिलिंग पूरा कर टॉप-10 में जगह बनायी। यही नहीं एक पैर से इतनी लंबी यात्रा करे पर तान्या को बीएसएफ की तरफ से सम्मानित भी किया गया।
पिता के मौत के बाद भी नहीं रूका सफर
तान्या ने एक पैर से साइकिल चलाकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक लगभग 3800 किलोमीटर की दूरी तय की। 19 नवंबर 2020 को उन्होंने अपनी यात्रा शुरु की थी तभी खबर आई कि उनके पिता आलोक डागा की मृत्यु हो गयी है। जिसके बाद तान्या साइकिल से ही ब्यावरा पहुंची और फिर अपने सफर पर निकल गयीं।