अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित गाजा पीस समिट के दौरान एक बार फिर वैश्विक राजनीति में सुर्खियाँ बटोरीं। इस सम्मेलन में ट्रम्प ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति और सहयोग की दिशा में आशाजनक संकेत देते हुए कहा कि दोनों देश अब मिलजुलकर रहेंगे। इस दौरान उन्होंने मंच पर मौजूद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर देखते हुए हास्यपूर्ण अंदाज में सवाल किया- “ऐसा है न?”। इस टिप्पणी के बाद मंच पर मौजूद सभी नेता मुस्कुराने लगे, जिससे इस गंभीर राजनीतिक चर्चा में थोड़ी हल्की-फुलकी माहौल भी बन गई।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान अब मिलजुलकर रहेंगे। इस दौरान उन्होंने पीछे मुड़कर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ देखते हुए पूछा- ऐसा है न? उन्होंने यह बयान मिस्र के शर्म अल-शेख में हुई गाजा पीस समिट के दौरान दिया। सवाल पूछने के बाद ट्रम्प और मंच पर मौजूद बाकी नेता हंसने लगे।
गाजा पीस समिट और ट्रम्प की भूमिका
गाजा पीस समिट का आयोजन मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने और लंबे समय से चले आ रहे संघर्षों को समाप्त करने के प्रयासों के तहत किया गया था। इस समिट में विभिन्न देशों के नेता शामिल हुए, जिनमें अमेरिका, पाकिस्तान, भारत, इटली और अन्य अरब देश शामिल थे। ट्रम्प ने इस मंच का उपयोग केवल मध्य पूर्व के संकटों को हल करने के लिए नहीं किया, बल्कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान संबंधों पर भी टिप्पणी की।
ट्रम्प का ह्यूमर और नेताओं के बीच बातचीत
ट्रम्प अपने हास्य और बातचीत के अंदाज के लिए भी जाने जाते हैं। गाजा पीस समिट में उन्होंने मंच पर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से कहा, “आप खूबसूरत हैं”, जो कि मीडिया में चर्चा का विषय बना। इस तरह के बयान ट्रम्प की व्यक्तिगत शैली और वैश्विक मंच पर उनके अनौपचारिक अंदाज को दिखाते हैं।
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर वैश्विक नजर
भारत और पाकिस्तान के संबंध हमेशा ही वैश्विक राजनीति के लिए संवेदनशील रहे हैं। दोनों देशों के बीच लंबे समय से विवादित मुद्दे, सीमाओं पर तनाव और कश्मीर जैसे जटिल विषय रहे हैं। ट्रम्प के बयान से यह संकेत मिलता है कि अमेरिका जैसी वैश्विक ताकत इन संबंधों में सुधार की दिशा में सकारात्मक सोच रखती है।
बता दें कि, टम्प की टिप्पणियों का वैश्विक मीडिया में भी व्यापक कवरेज हुआ। भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में इसे मिश्रित प्रतिक्रिया मिली। कुछ विशेषज्ञों ने इसे “उम्मीद की किरण” कहा, तो कुछ ने इसे केवल ट्रम्प के व्यक्तिगत अंदाज का हिस्सा माना। सामाजिक मीडिया पर ट्रम्प की टिप्पणियों को लेकर व्यापक चर्चा हुई। लोग उनकी शैली, ह्यूमर और नेताओं के बीच संवाद पर अपनी राय व्यक्त कर रहे थे। कई लोगों ने इसे क्षेत्रीय शांति और सहयोग की दिशा में सकारात्मक संकेत माना, जबकि कुछ ने इसे केवल औपचारिक रूप से हल्का मजाक कहा।