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अमेरिका का सख्त रुख, ट्रंप ने राजनयिकों और सैन्य परिवारों को वापस बुलाया अमेरिका का सख्त रुख देखने को मिलामध्य पूर्व में एक बार फिर हालात तनावपूर्ण होते नजर आ रहे हैं। अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु मुद्दे को लेकर तनातनी इस हद तक पहुंच गई है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को “खतरनाक जगह” करार देते हुए वहां से सभी अमेरिकी राजनयिकों और सैन्य कर्मियों के परिवारों को वापस बुलाने का आदेश जारी कर दिया है। ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा है कि अमेरिका किसी भी सूरत में ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने की अनुमति नहीं देगा।

इजरायल की संभावित सैन्य कार्रवाई से गहराया संकट

खुफिया सूत्रों के अनुसार, इजरायल ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हमले की योजना बना रहा है। इस आशंका ने क्षेत्रीय स्थिरता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अमेरिका और सऊदी अरब, दोनों इस स्थिति को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के प्रयास में जुटे हैं।

17 अप्रैल को तेहरान में राष्ट्रपति भवन में हुई एक गोपनीय बैठक में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान, सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी और विदेश मंत्री अब्बास अराघची भी मौजूद थे। इसी बैठक में प्रिंस खालिद ने शाह सलमान का संदेश सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई के लिए प्रस्तुत किया।

बता दें कि, खालिद ने ईरानी अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के पास लंबी बातचीत के लिए धैर्य नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर ईरान अमेरिका के साथ समझौता नहीं करता, तो इजरायल के हमले की आशंका प्रबल है। अमेरिका के साथ कूटनीतिक हल निकालना युद्ध से कहीं बेहतर विकल्प है।”

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