अमेरिका के 21 सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को एक पत्र लिखकर भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की गंभीर अपील की है। यह पत्र 8 अक्टूबर को कांग्रेस सांसद डेबोरा रॉस और रो खन्ना ने संयुक्त रूप से भेजा। सांसदों का कहना है कि भारत से आयात होने वाले सामान पर भारी टैरिफ लगाने से अमेरिका और भारत की दोस्ती पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
50% टैरिफ से अमेरिका में बिकने वाले कपड़े, जेम्स-ज्वेलरी, फर्नीचर, सी फूड जैसे भारतीय प्रोडक्ट्स महंगे हो जाएंगे। इससे इनकी मांग में 70% की कमी आ सकती है।
भारत और अमेरिका लंबे समय से एक ट्रेड डील पर काम कर रहे हैं। 25 अगस्त को अमेरिकी टीम छठे दौर की बातचीत के लिए आने वाली थी, लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया। भारतीय अधिकारी सितंबर या अक्टूबर तक एक बड़ा समझौता करने की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन कुछ मुद्दों पर अभी भी सहमति नहीं बन पा रही है, जैसे एग्रीकल्च सेक्टर। भारत जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलों और डेयरी मार्केट अमेरिका के लिए खोलने को तैयार नहीं है।
टैरिफ का असर और अमेरिका का रुख:
राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया है। इसमें से 25% अतिरिक्त टैरिफ भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के कारण लगाया गया है। ट्रम्प का कहना है कि भारत रूस से तेल खरीद रहा है, जिससे पुतिन को यूक्रेन युद्ध जारी रखने में मदद मिल रही है।
ट्रेड डील और बातचीत:
भारत और अमेरिका लंबे समय से एक बड़े ट्रेड डील पर काम कर रहे हैं। 25 अगस्त को अमेरिकी टीम छठे दौर की बातचीत के लिए भारत आने वाली थी, लेकिन बाद में इसे स्थगित कर दिया गया। भारतीय अधिकारी आशा कर रहे हैं कि सितंबर या अक्टूबर तक एक बड़ा समझौता किया जा सकता है।
बता दें कि, भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी लंबे समय से मजबूत रही है। लेकिन व्यापारिक नीतियों और टैरिफ जैसी चुनौतियों ने इस रिश्ते को नया मोड़ दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि संतुलित और समझदारीपूर्ण नीतियां ही दोनों देशों की मित्रता को आगे बढ़ा सकती हैं।