नई दिल्ली। अमेरिका ने सीरिया में आतंकी संगठन ISIS के खिलाफ बड़ा सैन्य अभियान चलाया है। 19 दिसंबर 2025 को शुरू हुए ‘ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक’ के तहत अमेरिकी सेना ने सीरिया के मध्य हिस्से में ISIS से जुड़े 70 से ज्यादा ठिकानों पर हमले किए। इन हमलों में 100 से अधिक प्रिसिजन मुनिशन्स का इस्तेमाल किया गया, जिसमें लड़ाकू विमान, अटैक हेलीकॉप्टर और आर्टिलरी शामिल थे।
ऑपरेशन की शुरुआत अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने की। इसमें F-15 ईगल फाइटर जेट्स, A-10 थंडरबोल्ट (वार्थॉग), AH-64 अपाचे हेलीकॉप्टर और जॉर्डन के फाइटर जेट्स का इस्तेमाल हुआ। हमले देयर एज-जोर, रक्का डेजर्ट और पाल्मायरा के आसपास के इलाकों में हुए। लक्ष्य थे ISIS के ठिकाने, हथियारों के गोदाम, इंफ्रास्ट्रक्चर और लड़ाके।
रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने सोशल मीडिया पर लिखा, “आज हमने ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक शुरू किया। यह नया युद्ध नहीं, बल्कि बदले की घोषणा है। हमने दुश्मनों का शिकार किया और बहुतों को मार गिराया। हम जारी रखेंगे। ट्रंप की लीडरशिप में अमेरिका अपने लोगों की रक्षा से कभी पीछे नहीं हटेगा।” उन्होंने जोर दिया कि अगर अमेरिकियों को निशाना बनाया गया तो दुश्मन को बेरहमी से मारा जाएगा।
जानकारी दे दें कि, मारे गए सैनिकों के शवों को 17 दिसंबर को डोवर एयर फोर्स बेस पर गरिमापूर्ण तरीके से लाया गया, जहां ट्रंप और हेगसेथ ने सैल्यूट किया। आयोवा गवर्नर ने झंडे आधे झुकाने के आदेश दिए। सैनिकों के परिवारों ने उन्हें बहादुर बताया। यह घटना अमेरिका की आतंकवाद विरोधी नीति को मजबूत करती है।
