संसद ने गुरुवार को भारी राजनीतिक हंगामे और विपक्ष के तीखे विरोध के बीच विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G RAM G बिल को अंतिम मंजूरी दे दी। लोकसभा से पहले ही पारित हो चुके इस बिल को देर रात राज्यसभा से भी पास कर दिया गया। इसके साथ ही करीब दो दशक पुरानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) की जगह अब एक नई ग्रामीण रोजगार गारंटी व्यवस्था लागू होने का रास्ता साफ हो गया है।
संसद में क्या हुआ:
- लोकसभा: 18 दिसंबर को हंगामे और विपक्ष के विरोध (बिल की कॉपियां फाड़ना, नारेबाजी) के बीच वॉइस वोट से पास।
- राज्यसभा: देर रात (18-19 दिसंबर की मध्यरात्रि के आसपास) 5 घंटे की चर्चा के बाद वॉइस वोट से पास। विपक्ष ने वॉकआउट किया।
- केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिल पेश किया और जवाब दिया। उन्होंने UPA शासन में MGNREGA में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि यह बिल गांधीजी के आदर्शों पर आधारित है।
- विपक्ष (कांग्रेस, TMC, DMK आदि) का विरोध: महात्मा गांधी का नाम
VB-G RAM G बिल संसद से पास: विवादास्पद घटना का सारांशआपके शेयर किए गए न्यूज आर्टिकल के अनुसार, विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल को संसद से मंजूरी मिल गई है। यह खबर सही है और विभिन्न विश्वसनीय स्रोतों (जैसे The Hindu, India Today, PTI, ANI आदि) से पुष्टि हुई है। बिल 18 दिसंबर को लोकसभा से और देर रात राज्यसभा से पास हुआ।
मुख्य तथ्य:
- बिल का उद्देश्य: MGNREGA की जगह लेना, ग्रामीण रोजगार को 100 से बढ़ाकर 125 दिन की गारंटी देना, लेकिन फंडिंग शेयरिंग (60:40 केंद्र-राज्य), कृषि सीजन में काम रोकना आदि बदलाव।
- सरकार का पक्ष (शिवराज सिंह चौहान): पुरानी योजना में भ्रष्टाचार था, यह गांवों के विकास और विकसित भारत के लिए जरूरी।
- विपक्ष का विरोध: गांधीजी का नाम हटाना, राज्यों पर बोझ, गरीबों के अधिकार कमजोर करना। प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे आदि ने तीखा विरोध किया।
- हंगामा: दोनों सदनों में वॉकआउट, बिल फाड़ना, नारेबाजी। पास होने के बाद विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में रातभर धरना दिया।
जानकारी दे दें कि, VB-G RAM G बिल के संसद से पारित होने के बाद अब इसके नियम और दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे। सरकार का दावा है कि यह योजना ग्रामीण भारत के लिए रोजगार और विकास का नया अध्याय खोलेगी, जबकि विपक्ष आने वाले समय में इसके खिलाफ राजनीतिक और वैचारिक लड़ाई जारी रखने के संकेत दे रहा है।
बता दें कि, स्पष्ट है कि VB-G RAM G बिल केवल एक कानून नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत के भविष्य और देश की सामाजिक-आर्थिक दिशा को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच गहरे मतभेदों का प्रतीक बन चुका है। आने वाले वर्षों में यह देखना अहम होगा कि यह नई योजना जमीनी स्तर पर कितना प्रभावी साबित होती है और क्या यह वास्तव में ग्रामीण भारत के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला पाती है या नहीं।
