बरसात का मौसम जहां राहत की फुहारें लेकर आता है, वहीं इस बार यह आम जनता की जेब पर भारी पड़ रहा है। झारखंड की राजधानी रांची से लेकर देश के कई हिस्सों में सब्जियों की कीमतों में अचानक भारी उछाल देखने को मिल रहा है। आलू-प्याज को छोड़कर लगभग हर हरी सब्जी आम लोगों की पहुंच से बाहर होती जा रही है। टमाटर 80 रुपये किलो, शिमला मिर्च 120 रुपये किलो, भिंडी 90 रुपये किलो और गाजर 100 रुपये किलो तक पहुंच चुकी है।
बरसात और आपूर्ति का संकट
मंडी व्यापारियों और किसानों का कहना है कि इस बार बारिश ने फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। खेतों में खड़ी सब्जियों की फसल सड़ गई या कीट रोग से प्रभावित हो गई। नतीजा यह हुआ कि आपूर्ति में भारी कमी आ गई। दूसरी ओर मांग कम नहीं हुई, जिससे दाम आसमान छूने लगे।
टमाटर और शिमला मिर्च सबसे महंगी
फिलहाल सबसे ज्यादा महंगाई टमाटर और शिमला मिर्च में देखने को मिल रही है। टमाटर, जो कुछ ही महीने पहले 20–25 रुपये किलो मिल रहा था, अब 80 रुपये किलो तक बिक रहा है। वहीं शिमला मिर्च 100 से 120 रुपये किलो तक पहुंच चुकी है। यह स्थिति आम उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है क्योंकि ये दोनों सब्जियां रोज़मर्रा के खाने में ज़रूरी मानी जाती हैं।
भिंडी, लौकी, तोरी, करेला जैसी सब्जियां भी महंगी हो गई हैं। भिंडी का दाम 80–90 रुपये किलो, गाजर 100 रुपये किलो और लौकी-तोरी 60–70 रुपये किलो तक पहुंच गई है। हरी मटर, अदरक और धनिया जैसी सब्जियां तो और भी महंगी हो गई हैं, जिनकी कीमतें 200 रुपये किलो से भी ऊपर तक पहुंच रही हैं।
भिंडी से लेकर तमाम दूसरी सब्जियां भी महंगी हैं और हरी सब्जी बमुश्किल ही 80 या 70 रुपये किलो से कम के भाव पर मिल पाए. गाजर भी आम लोगों के पहुंच से बाहर बरसात के मौसम में सब्जियों की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है. सब्जियां महंगी होने से रसोई के बजट और खाने के स्वाद पर भी असर पड़ा है।