नई दिल्ली: वक्फ संशोधन बिल को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित एक प्रदर्शन में ओवैसी ने इस बिल को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए कहा कि यह मुसलमानों से उनकी मस्जिदें, दरगाहें और कब्रिस्तान छीनने की साजिश है। उन्होंने NDA के सहयोगी दलों के नेताओं चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार और चिराग पासवान को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने इस बिल का समर्थन किया, तो भारत के मुसलमान इसे कभी नहीं भूलेंगे।
ओवैसी ने कहा, “हम चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान और नीतीश कुमार से कह रहे हैं कि इस नाजुक वक्त में अगर आप इस बिल का समर्थन करते हैं, तो जब तक दुनिया कायम रहेगी, मुसलमान आपको माफ नहीं करेंगे। आपकी वजह से अगर यह कानून बनता है, तो इसका ठीकरा भी आप पर ही फूटेगा। यह बिल असंवैधानिक है, और हम आपसे अपील करते हैं कि इसका साथ न दें।”
‘मस्जिदों और वक्फ की जमीन छीनने की साजिश’
ओवैसी ने आरोप लगाया कि वक्फ संशोधन बिल का मकसद मुसलमानों की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को कमजोर करना है। उन्होंने कहा, “इस बिल के जरिए वक्फ से ‘हिबा’ (उपहार) को हटाने की बात की जा रही है। इसका मतलब है कि कोई भी व्यक्ति वक्फ को अपनी प्रॉपर्टी गिफ्ट नहीं कर सकेगा। साथ ही, ‘वक्फ बाय यूजर’ को खत्म करने की कोशिश हो रही है। अगर कोई विवाद होता है और सरकार प्रॉपर्टी पर दावा ठोकेगी, तो वक्फ का अधिकार खत्म हो जाएगा।”
उन्होंने दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा, “दिल्ली में 123 वक्फ संपत्तियां हैं, जिन पर सरकार दावा करती है कि ये सरकारी जमीन हैं। इस बिल के तहत कलेक्टर को अधिकार दिया जा रहा है, जो हमेशा सरकार के पक्ष में फैसला देगा। जिस मस्जिद में हमारे मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी साहब इमाम हैं, वहां भी सरकार कहती है कि यह उसकी प्रॉपर्टी है। अगर यह कानून बनता है, तो कोई भी नोटिस लगाकर उसे वक्फ से बाहर कर देगा।”
‘मंदिर-मस्जिद में भेदभाव क्यों?’
ओवैसी ने सवाल उठाया कि अगर गुरुद्वारों और मंदिरों में गैर-सिख या गैर-हिंदू को सदस्य बनने का अधिकार नहीं है, तो वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम को क्यों शामिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “अगर नरेंद्र मोदी इस देश में अमन को बिगाड़ना चाहते हैं और मंदिर-मस्जिद के झगड़ों को बढ़ाना चाहते हैं, तो यह उनकी जिम्मेदारी होगी।”
‘मोदी फजीलुत शेख बन गए हैं’
ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा, “मोदी आजकल फजीलुत शेख बन गए हैं। वो कहते हैं कि अगर कोई मुसलमान बनता है, तो वह पांच साल तक वक्फ को प्रॉपर्टी नहीं दे सकता। यह कहां लिखा है? कौन सी किताब में है? उनका मकसद साफ है- भारत के मुसलमानों से उनकी सियासी और मजहबी पहचान छीनना।”
‘सहयोगियों से अपील और चेतावनी’
ओवैसी ने NDA के सहयोगी दलों से इस बिल का विरोध करने की अपील की। उन्होंने कहा, “चंद्रबाबू, नीतीश और पासवान साहब, आप पर सवाल उठ रहे हैं। अगर आप इस बिल का समर्थन करते हैं, तो इतिहास आपको याद रखेगा। मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला यह कदम आपकी साख को भी प्रभावित करेगा।”
वक्फ संशोधन बिल को लेकर चल रही बहस के बीच ओवैसी का यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। अब देखना यह है कि सरकार और सहयोगी दल इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं।