अमेरिका के सबसे बड़े और प्रभावशाली शहर न्यूयॉर्क सिटी (NYC) में ऐतिहासिक राजनीतिक बदलाव देखने को मिला है। भारतीय मूल के जोहरान ममदानी (Zohran Mamdani) ने मंगलवार को हुए चुनाव में शानदार जीत दर्ज करते हुए शहर के पहले भारतीय-अमेरिकी मुस्लिम मेयर बनने का गौरव हासिल किया।
ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर न्यूयॉर्क के लोग ममदानी को वोट देते हैं, तो वह न्यूयॉर्क शहर के लिए फेडरल फंड सीमित कर देंगे।
उन्होंने लिखा, “अगर कम्युनिस्ट उम्मीदवार जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क शहर के मेयर का चुनाव जीत जाते हैं, तो यह बहुत कम संभावना है कि मैं अपने प्यारे फर्स्ट होम के लिए आवश्यक न्यूनतम राशि के अलावा, यूनियन फंड का योगदान दे पाऊंगा।”
कौन हैं जोहरान ममदानी?
जोहरान ममदानी भारतीय मूल के प्रवासी परिवार से हैं। उनके पिता दीपक ममदानी मूल रूप से मुंबई (भारत) से हैं, जबकि उनकी मां उगांडा-भारतीय मूल की हैं। ममदानी का जन्म युगांडा में हुआ और वे बचपन में अमेरिका आ गए थे।
राजनीति में आने से पहले ममदानी कम्युनिटी ऑर्गनाइजर और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम करते थे। उन्होंने न्यूयॉर्क के अस्थमा, आवास, किराया नियंत्रण और प्रवासी अधिकारों जैसे मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया।
2020 में वे पहली बार न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के लिए चुने गए थे। अब 2025 में उन्होंने मेयर पद जीतकर इतिहास रच दिया है।
कुओमो को मिली सबसे बड़ी हार
पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो, जो कभी अमेरिकी राजनीति के सबसे ताकतवर नेताओं में गिने जाते थे, ने इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरकर वापसी की कोशिश की। उन्हें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी समर्थन मिला, लेकिन यह भी उनकी मदद नहीं कर सका।
कुओमो पर पहले कई यौन उत्पीड़न के आरोप और प्रशासनिक विवाद लग चुके हैं, जिनकी वजह से उन्हें गवर्नर पद से इस्तीफा देना पड़ा था। यह चुनाव उनके लिए राजनीतिक पुनर्वास का अवसर था, लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया।
ममदानी ने अपने चुनाव प्रचार में कहा था:
“यह चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि नई सोच और नई पीढ़ी के नेतृत्व का प्रतीक है।”
जोहरान ममदानी की जीत अमेरिका और भारत दोनों के लिए ऐतिहासिक है। यह जीत उस लोकतांत्रिक परिवर्तन का प्रतीक है जो विविधता, समानता और सामाजिक न्याय की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
न्यूयॉर्क जैसे वैश्विक शहर का पहला भारतीय-अमेरिकी मुस्लिम मेयर होना इस बात का प्रमाण है कि अमेरिकी राजनीति में अब रंग, धर्म या मूल की नहीं, बल्कि विचारों और मूल्यों की राजनीति हो रही है।ममदानी की जीत ने यह साबित किया है कि अमेरिकी लोकतंत्र आज भी बदलाव और समावेश की क्षमता रखता है — और यह सिर्फ न्यूयॉर्क की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के प्रवासी भारतीयों की जीत है।
